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How did Maoist Ramder escape the security forces' cordon in the MMC zone? His disappearance during the operation raises questions.
MMC Zone Operation के तहत सुरक्षाबलों का दबाव इतना बढ़ गया है कि महाराष्ट्र–मध्यप्रदेश–छत्तीसगढ़ (एमएमसी) जोन का कुख्यात दरेंकसा दलम अब पूरी तरह नेतृत्वविहीन हो चुका है। जोन इंचार्ज रामदेर से कई दिनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक वह अपने साथियों के साथ भूमिगत हो चुका है और संभवतः जोन के उत्तरी हिस्से में छिपा हुआ है।
माओवादी गुट में असमंजस और बढ़ता दबाव
पीएलजीए के शीर्ष नेतृत्व ने भी रामदेर के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया है। रामदेर देवजी गुट का सदस्य है, और चूँकि देवजी आत्मसमर्पण करने वालों को “गद्दार” करार देता रहा है, ऐसे में माना जा रहा है कि रामदेर संघर्ष जारी रखने की कोशिश कर रहा है। हालांकि MMC Zone Operation की सफलता के बाद माओवादी लगातार घिरते जा रहे हैं। मूवमेंट करना मुश्किल हो गया है और जंगल में लंबे समय तक छिपे रहना भी अब असंभव सा हो गया है।
समर्पणों से ढह रहा माओवादी नेटवर्क
एमएमसी जोन में बड़ा झटका तब लगा जब 25 लाख के इनामी प्रवक्ता अनंत ने अपने 10 साथियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया। इससे संगठन का हौसला कमजोर हुआ है और बचे हुए सदस्यों पर दबाव और बढ़ गया है।
बालाघाट में दो डंप बरामद, अभियान में तेजी
बालाघाट के किरनापुर और आलीटोला जंगलों में सुरक्षाबलों ने दो बड़े माओवादी डंप बरामद किए हैं। इनमें दवाइयां, ओआरएस, ब्लड प्रेशर मॉनिटर, दैनिक उपयोग की वस्तुएं और माओवादी साहित्य शामिल है। हाकफोर्स इस क्षेत्र में सबसे तेज आगे बढ़ रही है, जबकि छत्तीसगढ़ पुलिस भी अब नए अभियान की तैयारी कर रही है।
धमतरी में 7-8 माओवादी अब भी सक्रिय
बस्तर माओवादी मुक्त होने की ओर बढ़ रहा है, लेकिन धमतरी में अभी भी 7–8 माओवादी सक्रिय हैं। पुराने माओवादी रामदास और ज्योति बार-बार लोकेशन बदलते हैं, जिससे उन्हें पकड़ना सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बना हुआ है।