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Mayawati, angry with Shah's statement on Ambedkar, said - 'The situation will be the same as that of Congress'
नई दिल्ली। संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बारे में गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के एक हिस्से को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस पार्टी और अन्य राजनीतिक दल पहले से ही आक्रामक थे, अब बीएसपी नेता मायावती ने भी इस पर अपना रुख अपनाया है। उन्होंने इस टिप्पणी को बाबा साहब का अपमान बताया है और माफी मांगने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर दलित समुदाय में काफी गुस्सा है।
अपने बयान में बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि, भारतीय संविधान के निर्माता और दलितों व अन्य वंचित समुदायों के हिमायती डॉ. बीआर अंबेडकर के बारे में संसद में अमित शाह द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों ने बाबा साहब की गरिमा और अस्तित्व का घोर अपमान किया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में उनके अनुयायियों में व्यापक रोष और आक्रोश है और शाह को अपने बयान वापस लेने चाहिए और पश्चाताप प्रकट करना चाहिए। अन्यथा अंबेडकर के अनुयायी इस घटना को कभी नहीं भूलेंगे, जैसे वे अंबेडकर के प्रति कांग्रेस पार्टी के कुकृत्यों को नहीं भूले हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि, भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ कुछ कॉरपोरेट घराने भी बाबा साहब के प्रति वास्तविक सम्मान की कमी दिखाते हैं। वे जो सम्मान का दावा करते हैं, वह महज दिखावा है, क्योंकि ये दल बाबा साहब के नाम का इस्तेमाल सिर्फ वोट पाने के लिए करते हैं। उन्होंने मौजूदा पार्टी को चेतावनी देते हुए कहा कि, अगर चुनावी लाभ के लिए बाबा साहब के नाम का राजनीतिकरण बंद नहीं हुआ, तो उनकी पार्टी देश भर में उनका विरोध करने के लिए मजबूर होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि, नहीं होती तो यह बाबा साहब का नाम मिटा देते, क्योंकि इन दलों ने बीएसपी की ताकत को कम करने के लिए विभिन्न स्वार्थी गुटों के साथ गठबंधन किया है। मायावती ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी ने संविधान निर्माण में बाबा साहब अंबेडकर के योगदान को मिटाने का बहुत बड़ा प्रयास किया है। अगर कांग्रेस पार्टी इसमें सफल हो जाती तो यह नुकसानदेह होता। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर काशीराम ने अपना पूरा जीवन इन प्रयासों को आगे बढ़ाने में न लगाया होता तो उन्हें भी अपना जीवन इस काम में न लगाना पड़ता। उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया, विभिन्न रणनीतियों का इस्तेमाल किया और सभी तरह के विरोधों का डटकर मुकाबला किया।
बसपा नेता ने कहा कि, यह बाबा साहब के प्रति गहरी दुश्मनी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर सतही बयानबाजी कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अन्य पूज्यनीय हस्तियों और नेताओं को भी बाबा साहब के समान ही सम्मान और आदर दिया गया है। बाबा साहब के सम्मान में की गई पहलों से उनका विरोध करने वालों में काफी बेचैनी पैदा हुई है। दलित समुदायों के वोटों को आकर्षित करने के प्रयास में, भाजपा को इन समूहों के प्रति सम्मान दिखाने के लिए अनिच्छा से ही सही, कुछ कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है, जो अक्सर पिछड़े वर्गों से जुड़े होते हैं। उन्होंने आगे कहा कि, कांग्रेस पार्टी दलितों का वोट पाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। अमित शाह के मुद्दे पर कांग्रेस दलित समुदाय से कुछ मूल्यवान वोट बटोरने की कोशिश कर रही है। वहीं, बाबा साहब ने अपने जीवनकाल में ही अपने समुदाय को इस पार्टी से सावधान रहने की चेतावनी दी थी।