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Muizzju forgot humanity due to enmity Indian plane was not allowed child died in agony without treatment
नई दिल्ली। भारत-मालदीव के बीच रिश्तों में चल रहे तनाव की कीमत एक 14 साल के लड़के को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने ब्रेन ट्यूमर से ग्रसित बच्चे को भारतीय प्लेन में ले जाने की मंजूरी नहीं दी थी। जिसके कारण 14 साल के बच्चे को वक्त पर इलाज नहीं मिला पाया और शनिवार (20 जनवरी 2024) को उसकी मौत हो गई।
मालदीव मीडिया अधाधू ने लड़के के पिता के हवाले से कहा कि हमने स्ट्रोक के तुरंत बाद उसे माले ले जाने के लिए आइलैंड एविएशन को फोन किया। इसके बावजूद उन्होंने हमारी कॉल का जवाब नहीं दिया।उन्होंने गुरुवार सुबह 8:30 बजे फोन का जवाब दिया। जबकि उन्हें ये मालूम है कि ऐसी नाजुक स्थिति में किसी भी गंभीर स्थिति वाले मरीज के लिए एयर एम्बुलेंस ही सबसे बड़ा सहारा होता है।
16 घंटे बाद लड़के को माले लाया गया
बच्चे के परिजन के अनुरोध करने के 16 घंटे बाद लड़के को माले लाया गया। हालांकि, देरी होने की वजह से बच्चे की हालत काफी ज्यादा गंभीर हो गई थी। इस बीच आपातकालीन अनुरोध प्राप्त करने वाली आसंधा कंपनी लिमिटेड ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि अनुरोध के तुरंत बाद निकासी की प्रक्रिया शुरू कर दी, लेकिन दुर्भाग्य से अंतिम क्षण में उड़ान में तकनीकी समस्या के कारण डायवर्जन नहीं किया गया। लड़के की मौत पर टिप्पणी करते हुए मालदीव के सांसद मीकैल नसीम ने कहा, “भारत के प्रति राष्ट्रपति की दुश्मनी को संतुष्ट करने के लिए लोगों को अपनी जान देकर इसकी कीमत नहीं चुकानी चाहिए।”
दरअसल, भारत विरोधी मोहम्मद मुइज्जू जब से मालदीव राष्ट्रपति बने हैं, तभी से भारत द्वारा दिए गए हेलीकॉप्टरों और प्लेनों का इस्तेमाल मालदीव से इमरजेंसी निकासी के लिए नहीं किया जाता है। इनका इस्तेमाल केवल राष्ट्रपति से सीधे मंजूरी मिलने पर ही किया जा सकता है।
इस पर रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन ने सफाई में कहा है कि 93 फीसदी निकासी अभी भी मालदीव एयरलाइंस ही करती है। उन्होंने कहा, “मेडिकल ऑपरेशन के एसओपी (मानक संचालन प्रक्रियाओं) में राष्ट्रपति को सूचित करने या उनसे इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। यह संबंधित संस्थानों के समन्वय के जरिए किया गया काम है।”
बताते चलें कि जनवरी 2024 की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद से ही भारत और मालदीव के बीच तनाव का माहौल है। वहाँ की सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी को लेकर अभद्र टिप्पणियाँ की थी। इसके बाद इन्हें निलंबित कर दिया गया था, लेकिन दोनों के बीच राजनयिक टकराव अभी चल ही रहा है।
मुइज्जू की पार्टी ने बीते साल 2023 में इंडिया आउट आंदोलन के आधार पर चुनाव जीता था। इसके तहत मालदीव में तैनात लगभग 100 भारतीय सैनिकों को देश से हटाना था। राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू ने भारतीय सशस्त्र बलों को मार्च 2024 तक मालदीव छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है। मुइज्जू ने हाल ही में अपनी पहली आधिकारिक यात्रा चीन से शुरू की थी और वहाँ कई समझौतेे किए।