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My son does not want to live in this country anymore After the statement of Colonel Pushpendra Bath wife Punjab DGP himself came forward and made a request to everyone
चंडीगढ़। पटियाला में आर्मी के कर्नल पुष्पेंद्र सिंह बाथ के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा बेरहमी से पिटाई किये जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कर्नल पुष्पेंद्र सिंह बाथ की पत्नी को इस मामले में पूर्व सैन्य अधिकारियों का समर्थन मिला है। वहीं हर तरफ किरकिरी झेल रही पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव अब खुद सामने आये हैं। उनका कहना है कि इस मामले को संस्थानों की बीच की लड़ाई नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले में कानून अपना काम करेगा।
मीडिया से बातचीत में डीजीपी गौरव यादव ने कहा, ”मैं आर्मी बैकग्राउंड से आता हूं। मैं एक आर्मी अफसर का बेटा हूं। मैं आर्मी का बहुत सम्मान करता हूं। जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था और हम उचित कार्रवाई करेंगे। साथ ही, मैं यह भी कहना चाहूंगा कि मुझे अपनी खाकी वर्दी पर बहुत गर्व है…”
डीजीपी गौरव यादव ने आगे कहा, “पंजाब पुलिस एक बहुत ही बहादुर, दिलेर, जांबाज फोर्स है, जिसने फौैज और पैरा मिलिट्री के साथ मिलकर पंजाब के आतंकवाद का खात्मा किया है। हम भी बहुत क्लोज लेवल पर आर्मी के साथ, बीएसएफ के साथ समन्वय और सहयोग के साथ काम करते है। मैं सभी से गुजारिश करूंगा कि कि इसे संस्थागत लड़ाई या सेना बनाम पुलिस के रूप में न देखें। कानून अपना काम करेगा।”
कर्नल पुष्पेंद्र सिंह बाथ की पत्नी जसविंदर कौर बाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पंजाब पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “हम डीजीपी गौरव यादव से मिलने गए थे, लेकिन वे व्यस्त थे। हमने डेढ़ घंटे तक इंतजार किया, लेकिन फिर वे हमसे मिले बिना ही चले गए। वे एक आर्मी ऑफिसर के बेटे हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने किया…”
जसविंदर कौर बाथ ने कहा, “मैं अपनी आवाज़ सिर्फ इसलिए उठा रही हूं क्योंकि मेरे बेटे ने कहा कि वह इस देश में नहीं रहेगा क्योंकि यह रहने लायक नहीं है। मुझे उसे साबित करना था कि न्याय मिलेगा…फिर, हम राज्यपाल से मिलने गए, और जब मैंने उनसे बात की और जब मैंने उन्हें तस्वीरें और क्रूरता दिखाई, तो उनकी आंखों में आंसू थे। उन्होंने DGP को बुलाया और उनसे कहा कि सभी नामों के साथ FIR मेरा अधिकार है और प्लीज जो जरूरी है वो करें। फिर राज्यपाल ने हमसे कहा कि अगर FIR दर्ज नहीं होती है, तो हमें उनसे संपर्क करना चाहिए। मैं राज्यपाल को हमारे साथ खड़े होने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं।”
कर्नल की पत्नी ने आगे कहा, “मुझे मीडिया के जरिए पता चला कि SSP नानक सिंह ने कहा था कि मजिस्ट्रेट जांच बैठा दी गई है, लेकिन FIR नहीं बदली जा सकती… आज, जब सभी मेरे साथ खड़े हैं, सभी राजनेताओं ने मुझे फोन करना शुरू कर दिया, लेकिन मैंने एक भी फोन नहीं उठाया क्योंकि यह कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं थी। वे यह नहीं कह सकते कि हम शराब के नशे में थे क्योंकि यह सरकारी अस्पताल की (मेडिकल) रिपोर्ट में है।”
उन्होंने यह भी कहा, “एक पुलिस इंस्पेक्टर ने मुझसे कहा कि हम कुछ पुलिसकर्मियों के नाम FIR में नहीं जोड़ सकते क्योंकि उन्हें DIG द्वारा एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में सम्मानित किया गया है और उन्हें प्रमोट किया जाने वाला है। उन्होंने कहा कि पुलिस आवश्यक कार्रवाई करेगी लेकिन उनका नाम FIR में नहीं डाला जा सकता…”
गौरतलब है कि, पटियाला में पार्किंग को लेकर हुए इस मामले में पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को एक FIR प्राथमिकी दर्ज की। रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की तीव्र एवं निष्पक्ष जांच करने के लिए एक उच्च स्तरीय SIT भी गठित की गई है। यह FIR कर्नल की पत्नी द्वारा पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात करने के एक दिन बाद दर्ज की गई है।
निष्पक्ष और शीघ्र जांच सुनिश्चित करने के लिए पंजाब के जांच ब्यूरो के निदेशक द्वारा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कानून-व्यवस्था, पंजाब एसपीएस परमार की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय विशेष जांच दल का गठन किया गया है, जिसमें होशियारपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संदीप मलिक और SAS नगर के ग्रामीण पुलिस अधीक्षक मनप्रीत सिंह शामिल हैं।
पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि पटियाला क्षेत्र के DIG को निर्देश दिया गया है कि वे निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों को तुरंत पटियाला जिले से बाहर ट्रांसफर करें। प्रवक्ता ने बताया कि सभी 12 संबंधित पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है।