National News Russian President Vladimir Putin will visit India this time
नई दिल्ली। रूस और भारत के बीच अच्छे संबंध रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। इसकी जानकारी रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने दी। रूसी विदेश मंत्री ने सरकारी समाचार एजेंसी ‘टीएएसएस’ के हवाले से कहा, ‘‘राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत सरकार के प्रमुख के दिल्ली दौरे के आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि, राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा के लिए तैयारियां की जा रही हैं। लावरोव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार फिर से चुने जाने के बाद रूस की अपनी पहली विदेश यात्रा की है। अब हमारी बारी है।
सर्गेई लावरोव ने कहा कि, वर्तमान में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत आने की व्यवस्था की जा रही है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि यात्रा किस महीने या तारीख को हो सकती है। पिछले साल रूस की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति को आधिकारिक राजकीय यात्रा के लिए आमंत्रित किया था। लावरोव ने कहा, “राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत सरकार के प्रमुख से यात्रा के लिए निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। रूसी राष्ट्र प्रमुख की भारत की यात्रा की योजना बनाई जा रही है।”
लावरोव की टिप्पणी ‘रूस और भारत: एक नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर’ नामक एक सम्मेलन में आई। बैठक का आयोजन रूसी अंतर्राष्ट्रीय मामलों परिषद (RIAC) द्वारा किया गया था। फरवरी 2022 में यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के बाद से यह राष्ट्रपति पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी।
इस यात्रा से राष्ट्रपति पुतिन के 2030 के ‘नए आर्थिक रोडमैप’ को आगे बढ़ाने की उम्मीद है। भारत और रूस अपने द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करके सालाना 100 बिलियन डॉलर से अधिक करने पर सहमत हुए हैं। दोनों देशों ने दो एशियाई दिग्गजों के बीच व्यापार मार्गों का महत्वपूर्ण रूप से विस्तार करने पर भी सहमति व्यक्त की है। चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री व्यापार गलियारा रूस से भारत को ताजा आपूर्ति प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्तमान में सालाना लगभग 60 बिलियन डॉलर है।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने इससे पहले 06 दिसंबर 2021 में भारत की यात्रा की थी. उस वक्त वह केवल 4 घंटे के लिए भारत आए थे और इसी दौरान भारत-रूस के बीच 28 समझौते पर दस्तखत हुए थे, इसमें मिलिट्री और तकनीकी समझौते भी शामिल थे।
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