दिल्ली हाई कोर्ट जस्टिस यशवंत वर्मा के घर मिले भारी मात्रा में नकदी को लेकर चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग ने मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है। गर्ग ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि आग बुझाने के दौरान दमकलकर्मियों को जस्टिस वर्मा के घर कोई नकदी नहीं मिली। दरअसल, अतुल गर्ग के हवाले से न्यूज एजेंसी PTI ने यह रिपोर्ट की थी। इसके बाद कई मीडिया हाउस ने मीडिया रिपोर्ट की थी।
मामले में अतुल गर्ग ने कहा कि उन्होंने कभी किसी मीडिया आउटलेट को यह नहीं बताया कि दमकलकर्मियों ने घटनास्थल पर कोई नकदी नहीं मिलने की सूचना दी थी। जब अतुल गर्ग से पूछा गया कि मीडिया रिपोर्ट में उनका नाम क्यों लिया गया उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता क्यों लिया गया।” गर्ग ने कहा कि उन्होंने पहले ही खबर चलाने वाले मीडिया हाउस को स्पष्टीकरण भेज दिया है।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने इन खबरों पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया साइट X पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, “दिल्ली हाईकोर्ट के जज के घर से भारी मात्रा में नकदी जब्त किए जाने के बेहद घिनौने मामले में नया मोड़ आया है। कल पीटीआई ने खबर दी थी कि चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग ने जज के घर से किसी भी तरह की नकदी जब्त किए जाने से इनकार किया है।”
अपनी पोस्ट में उन्होंने आगे कहा, “आज गर्ग ने इस तरह का बयान देने से इनकार किया है! उनके इनकार के आलोक में पीटीआई की रिपोर्ट फर्जी थी। फर्जी खबर का स्रोत कोई भी हो, वह स्पष्ट रूप से जब्ती की सच्चाई को कमतर आँकने की कोशिश कर रहा था। पीटीआई को यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि उसकी रिपोर्ट का स्रोत कौन था, क्योंकि इससे न्याय और सच्चाई, दोनों को बाधित करने की कोशिश करने वालों की पहचान उजागर हो जाएगी।”
बता दें कि इससे पहले PTI और उसके हवाले से कुछ मीडिया हाउस ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि अतुल गर्ग ने कहा था, “दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास पर आग बुझाने के अभियान के दौरान अग्निशमन कर्मियों को कोई नकदी नहीं मिली।” अग्निशमन दल ने 14 मार्च को आग बुझाने के बाद पुलिस को घटना के संबंध में सूचित किया था।
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