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On the recommendation of the High Court Mahasamund judge Akanksha Bhardwaj was dismissed from service
महासमुंद। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की अनुशंसा पर महासमुंद में पदस्थ एक महिला जज को बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई कनिष्ठ न्यायिक सेवा अधिकारी आकांक्षा भारद्वाज पर विधि एवं विधायी विभाग की ओर से की गई है।
बता दें कि, पिछले महीने ही भारद्वाज ने सिंगल बेंच में अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ दायर मुकदमा जीता था। इसके बाद फिर से जज की कुर्सी हासिल की थी। आकांक्षा भारद्वाज को सात साल पहले बर्खास्त कर दिया गया था।
जानकारी के अनुसार आकांक्षा भारद्वाज का 2012-13 में सिविल जज (प्रवेश स्तर) के पद के लिए चयन हुआ था। इसके बाद उन्हें 12 दिसंबर 2013 को दो साल की परिवीक्षा पर नियुक्त किया गया था। उन्होंने 27 दिसंबर 2013 को ज्वॉइन किया था। प्रशिक्षण के बाद अगस्त 2014 में उन्हें अंबिकापुर में प्रथम सिविल जज वर्ग-2 के पद का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया।
इस पदस्थापना के दौरान उनका आरोप था कि जब वे अपने वरिष्ठ अधिकारियों से न्यायिक मामलों में मार्गदर्शन लेने जाती थीं, तो उनका व्यवहार अनुचित होता था। इसके बाद उन्होंने उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत की थी। लंबी कानूनी प्रक्रिया चलने के बाद अब फिर 14 जनवरी को अतिरिक्त सचिव दीपक कुमार देशलहरे ने उनकी सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया है। 6 जनवरी 2025 को हाई कोर्ट ने उनकी सेवा समाप्त करने की अनुशंसा की थी, जिस पर विधि एवं विधायी विभाग ने अंतिम आदेश जारी किया।