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वक्फ संशोधन बिल पर संसद की मुहर, 12 घंटे की चर्चा के बाद राज्यसभा में बिल 128/95 मतों से पास

By: DM
New Delhi
4/4/2025, 10:04:39 AM
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Parliament approves Waqf Amendment Bill, Bill passed in Rajya Sabha by 128/95 votes

दिल्ली: वक्फ संशोधन बिल पर संसद ने मुहर लगा दी है। राज्यसभा में 2 अप्रैल की रात को यह विधेयक पारित हो गया, जिसके बाद देशभर में इसे लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। राज्यसभा में बिल पर 12 घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई, जिसके बाद देर रात 2:32 बजे वोटिंग के दौरान बिल को 128 वोटों के पक्ष में और 95 वोटों के विपक्ष में पारित किया गया। इसके साथ ही यह विधेयक अब कानून बन गया है। 

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सत्तापक्ष ने इस बिल को वोट बैंक की राजनीति से बाहर निकलकर राष्ट्रीय हित की दिशा में एक ठोस कदम बताया। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में बिल पेश करते हुए स्पष्ट किया कि यह विधेयक मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। उनका कहना था कि इसका मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के कामकाज में सुधार, पारदर्शिता और तकनीक आधारित प्रबंधन को बढ़ावा देना है। 

स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी इस विधेयक के पक्ष में कहा कि यह विषय पार्टी हित से परे है, यह राष्ट्रहित से जुड़ा है। उनका उदाहरण देते हुए कहना था, "जब मुस्लिम देश वक्फ की संपत्तियों में पारदर्शिता ला रहे हैं तो फिर भारत में इससे डर क्यों?" सत्तापक्ष ने इसे समाज में समानता और पारदर्शिता लाने का एक अहम कदम बताया। 

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विपक्षी दलों ने इस विधेयक पर कड़ी आपत्ति जताई। राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि हाल ही में देश में पुरानी मस्जिदों में तलाशी और पूजा स्थलों पर हमले की घटनाओं की बात उठी थी। ऐसे माहौल में इस बिल की मंशा और कंटेंट पर सवाल उठते हैं। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे "कानूनी भाषा में लिपटी हुई मनमानी" करार दिया। विपक्ष का यह भी कहना था कि इस बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की असल स्थिति को छिपाना हो सकता है, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर असर पड़े।

जदयू नेताओं का इस्तीफा:

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वक्फ संशोधन बिल पर जदयू के रुख से पार्टी के दो नेताओं मो. कासिम अंसारी और मो. नवाज मलिक ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने नीतीश कुमार को पत्र भेजकर कहा कि पार्टी ने मुसलमानों का ‘सारा भरोसा खो दिया है’। यह इस्तीफा इस बात का संकेत है कि बिल को लेकर जदयू के भीतर भी मतभेद थे। जदयू एनडीए की सहयोगी पार्टी है, और पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दोनों नेता पार्टी कार्यकर्ता नहीं थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बयान:

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने वक्फ संशोधन बिल को भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "जिस प्रकार से इस बिल पर व्यापक चर्चा हुई, वह हमारे संसदीय विमर्श की परिपक्वता को दर्शाता है।" साय ने यह भी कहा कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जो सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। 

वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार, पारदर्शिता लाना और वित्तीय गड़बड़ियों पर काबू पाना है। इसमें वक्फ संपत्तियों के कब्जे, उनके प्रशासन और प्रबंधन को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, तकनीकी तरीकों से वक्फ संपत्तियों का लेखा-जोखा रखने की बात भी की गई है।

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