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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने भारी बहुमत से वापसी की है। लेकिन कोटा विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी प्रत्याशी ने कांग्रेस पर जीत चुराने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सत्ता का दुरुपयोग कर सरकारी तंत्रों एवं माफियाओं के सक्रिय सहयोग एवं धनबल से कोटा विधानसभा की जीत को लूट लिया गया। मैं हतप्रद था, मात्र 5 साल सत्ता में रहकर इतना धन का संचय और दुरुपयोग मैने कभी नहीं देखा था।
माफियाओं द्वारा हमारे कार्यकर्ताओं को मारपीट कर एवं चाकू मारकर एक दहशत भरा माहौल बनाने की कोशिश हुई। प्रशासन खामोश सहयोग करता रहा। सरकारी साधनों का जमकर दुरुपयोग हुआ। सरकारी गाड़ियों व एंबुलेंस में साड़ियां और बर्तन ढोए गए, माफिया के साथ सरकारी विभागों के अधिकारी डर से उनके आदेशों का पालन कर घर-घर जाकर पैसे और संसाधन वितरण करते रहे।
धर्मांतरण के प्रणेता मिशनरी, माफ़िया, जेहादि गैंग कांग्रेस के साथ मेरे विरुद्ध षड्यंत्र रचा, क्योंकि मैं मेरे पिता कुमार दिलीप सिंह जूदेव द्वारा चलाए गए घर वापसी अभियान मे अनवरत लगा हुआ हूँ। प्रशासन उसको संरक्षण देती रही, और हमारी जीत चुरा ली गई। इस कुशासन के घोर दमन के बावजूद जनता ने भारतीय जनता पार्टी के सम्मान में खुलकर मतदान किया, और पिछले सारे चुनाव की अपेक्षा मुझे लगभग डेढ गुना 66 हजार वोट दिया। इसके लिए मैं कोटा विधानसभा के सभी मतदाताओं के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं।
मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस चुराई हुई जीत से हमारे संबंधों और कार्यों में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सरकार हमारी है हम सब मिलकर अपने विधानसभा को विकास के पथ पर ले चलेंगे, और प्रधानमंत्री के विकास के संकल्प को पूरा करेंगे। जीतकर भी जो हार मिली है उसे स्वीकार करता हूं, और विश्वास दिलाता हूं कि आगामी दिनों में तमाम साजिशकर्ताओं का पर्दाफाश होगा। अर्थतंत्र को जनतंत्र से बड़ा बताने वालों को बताना होगा कि यह कालाधन उन्होंने कहां से अर्जित किया। माफिया राज का अंत अवश्यंभावी होगा यह मेरा संकल्प है।
कोटा विधानसभा में विकास की गंगा बहेगी इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए। संगठन मजबूत किया जाएगा और वास्तविक कार्यकर्ताओं को मजबूती प्रदान की जायेगी। पूर्व विधायक रेणु जोगी को मात्र आठ हजार मत का प्राप्त होना किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं, यह साजिश उनके द्वारा हुई या उनके साथ की गई यह प्रश्नवाचक है। इसका जवाब वक्त देगा। इसी उम्मीद के साथ हमें आगे बढ़ना चाहिए।