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Pune Porsche accident SC rejects anticipatory bail plea of minor father calls arguments presented for bail insignificant
नई दिल्ली। पुणे पोर्श दुर्घटना मामले में सुनवाई करते हुए SC ने सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोपी पिता अरुणकुमार सिंह को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। अरुणकुमार का बेटा पुणे के कल्याणी नगर में एक घातक पोर्श दुर्घटना में शामिल था, जिसमें दो मोटरसाइकिल सवारों की जान चली गई थी। सिंह पर आरोप है कि उन्होंने घटना के समय शराब पीने की बात छिपाने के लिए अपने बेटे के खून के नमूनों से छेड़छाड़ करने की साजिश रची थी।
जस्टिस सुधांशु धूलिया और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने बॉम्बे हाई कोर्ट के पिछले फैसले को बरकरार रखा, जिसमें सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत पाए गए थे। चंच में पताचला था कि, सिंह ने अन्य लोगों के साथ मिलकर 19 मई, 2024 को दुर्घटना के बाद जांच को गुमराह करने के प्रयास में अपने बेटे के खून के नमूनों को सह-आरोपी आशीष मित्तल के साथ बदलने का प्रयास किया था।
सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के दौरान, यह भी पता चला कि सिंह ने अधिकारियों को धोखा देने झूठे लेबल का उपयोग कर खून के नमूने की अदला-बदली की सुविधा के लिए ससून अस्पताल के डॉक्टरों को कथित तौर पर रिश्वत दी थी।
पीठ ने कहा, “आवेदक की ओर से उठाया गया यह तर्क कि रक्त का नमूना कोई ‘दस्तावेज’ नहीं है, महत्वहीन है।” इस कथन ने सबूतों से छेड़छाड़ की तकनीकी बातों के बारे में बचाव पक्ष के तर्क को संबोधित किया।
बता दें कि, पुणे में इसी साल मई महीने में सिंह के नाबालिग बेटे द्वारा चलाई जा रही पोर्श कार ने बाइक सवार दो युवक-युवती को उड़ा दिया था। नाबालिग उस समय नशे में था। इस हादसे में दोनों आईटी इंजीनियरों की मौत हो गई। इस घटना के तुरंत बाद किशोर न्याय बोर्ड ने एक निबंध लिखवाकर नाबालिग को जमानत दे दी थी।