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Ramlala Tilakotsav 2024 Grand preparations for Lord Ram wedding festival procession to Janakpurdham 26th November is a very special day know the complete program
लखनऊ। अयोध्या में रघुकुल नंदन भगवान श्रीराम के विवाहोत्सव की तैयारी जोरों शोरों पर हैं। बता दें कि, श्रीराम जी का तिलक चढ़ गया हैं, अब अयोध्यावासी राजा जनक के यहां बरात ले जाने की तैयारी में हैं। 26 नवंबर को बरात प्रस्थान कर तीन दिसंबर को जनकपुरधाम पहुंचेगी। तत्पश्चात विविध पारंपरिक व मांगलिक आयोजन होंगे। ये समस्त आयोजन मिथिला की संस्कृति, रीति-रिवाज व परंपरा में रचे-बसे होंगे। जनकपुरवासी बरातियों का भव्य स्वागत सत्कार किया जायेगा।
वहीं विवाहोपरांत होने वाले कलेवा में 56 प्रकार के व्यंजनों के साथ गारी (गाली) भी 'खाने' की परम्परा निभाई जाएगी। यह मिथिला की परंपरा तो है ही, अवध क्षेत्र में इस परंपरा का वर्षों से अनुसरण किया जा रहा है। नेपाल के जनकपुरधाम स्थित माता जानकी के मायके में प्रत्येक पांच वर्ष पर अयोध्या से जाने वाली बरात की राजा जनक के पुरवासी बड़ी श्रद्धा व आस्था से प्रतीक्षा करते हैं।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) नेपाल के केंद्रीय सदस्य मनोहर प्रसाद साह बताते हैं कि, जब बरात पहुंचने को होती है तो जानकी मंदिर में जनकपुरवासियों की अपार आस्था का प्रगटीकरण देखने को मिलता हैं, खूब सेवा-सत्कार किया जाता हैं, तो वहीं बरातियों को नगर दर्शन भी कराने की परम्परा हैं। फुलवारी दर्शन में बराती जनकपुर का दर्शन करते हैं। अगले दिन जानकी मंदिर के विशाल प्रांगण में धनुष यज्ञ होता है। रंगभूमि मैदान पर पुत्री सीता स्वयंवर का अनुष्ठान संपन्न होता है। गंगासागर में मटकोर (माटीकोण) पूजा (हल्दी, मेहंदी व वर-वधू के सात नाट फेरे आदि) और वर-वधू परिक्रमा होती है। वधू अपने वर की परिक्रमा करती है। विवाहोपरांत अगले दिन राम कलेवा होता है, जिसमें दूल्हा को बने राम सगे-संबंधियों संग भोजन कराया जाता हैं। इस दौरान जनकपुरधाम की नारियां गारी (गाली गीत) गाती हैं।
भगवान राम का पहली बार तिलक चढ़ाने व छेका, धनुष यज्ञ, स्वयंवर जैसे आयोजनों के औचित्य पर भी विहिप (विश्व हिन्दू परिषद्) नेपाल के धनुषा जिलाध्यक्ष संतोष साह कहते हैं कि, पारंपरिक आयोजनों में तर्क नहीं होना चाहिए। प्रथम बार तिलकोत्सव केवल दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया था।
बता दें कि, प्रभु श्रीराम की बरात में लगभग 500 लोग शामिल होंगे। इसमें उत्तर प्रदेश से इतर अन्य प्रदेशों के 100 लोग होंगे। इसके लिए पंजीकरण कारसेवकपुरम, रामसेवकपुरम व न्यास कार्यशाला में किया जा रहा है। विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज ने बताया कि, बरात तीन दिसंबर को जनकपुर पहुंचेगी और आठ दिसंबर को वापस लौटेगी। पंजीकरण केंद्र प्रभारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि, बरातियों को स्वास्थ्य परीक्षण रिपोर्ट के साथ ही आधार कार्ड व रंगीन फोटो भी देने होंगे। सभी बरातियों को 25 नंवंबर को कारसेवकपुरम पहुंचना होगा। सभी बराती अपने व्यय पर ही शामिल हो सकेंगे। अपने वाहन का ही प्रयोग करना होगा।