Copyright © 2024 rights reserved by Inkquest Media
अन्य समाचार
Vice President of steel company was digitally arrested and defrauded of Rs 49 lakhs investor defrauded of Rs 36 lakhs in the name of share trading
भिलाई: साइबर अपराधियों ने भिलाई के रुआबांधा सेक्टर निवासी इंद्रप्रकाश कश्यप से 49 लाख से अधिक की ठगी की है। पीड़ित इंद्रप्रकाश कश्यप बंगाल के खड़गपुर स्थित रश्मि ग्रुप ऑफ कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट हैं। इस ठगी के पीछे आरोपितों ने मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के नाम का इस्तेमाल किया। आरोपितों ने पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर उन्हें शिकार बनाया और पांच दिन तक उन्हें लगातार दबाव में रखा।
पुलिस ने बताया कि 51 वर्षीय इंद्रप्रकाश कश्यप 7 नवंबर को खड़गपुर में थे, तभी उनके पास फोन आया। फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) का अधिकारी बताया और कहा कि उनके आधार कार्ड से सिम जारी कर 29 लोगों को आपत्तिजनक संदेश भेजे गए हैं।
फिर मुंबई के एक कथित साइबर क्राइम ब्रांच अधिकारी से फोन ट्रांसफर कर पीड़ित से यह कहा गया कि उनके आधार से एक बैंक खाता खोला गया है, जिसमें संदिग्ध लेनदेन हुआ है। आरोपित ने यह भी कहा कि इसमें जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के खाते से लेनदेन का मामला भी जुड़ा है, इसलिए सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
इस डर के माहौल का फायदा उठाकर आरोपितों ने इंद्रप्रकाश कश्यप से कहा कि जांच तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट पर रखा जाएगा। इसके बाद ठगों ने वीडियो कॉल कर उनकी गतिविधियों पर नजर रखी और उन्हें एक सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट (एसएसए) खोलने के लिए कहा, जिसमें अपने सभी बैंक खातों का पैसा ट्रांसफर करने को कहा गया। ठगों ने पीड़ित को भिलाई आने के लिए भी मजबूर किया, जहां 11 नवंबर को पीड़ित ने उनके बताए खाते में 49 लाख 1 हजार 190 रुपये ट्रांसफर कर दिए।
भिलाई नगर थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ठगी का दूसरा मामला
ऑनलाइन ट्रेडिंग में 36.75 लाख रुपये की ठगी
रायपुर: रायपुर के एक शेयर मार्केट निवेशक पवन अग्रवाल से ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर 36.75 लाख रुपये की ठगी की गई है। पवन ने पुलिस में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई है, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पवन अग्रवाल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वह पिछले एक साल से शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर रहे थे और फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा था, जिसमें शेयर बाजार में निवेश करने पर अच्छे रिटर्न का वादा किया गया था। इसके बाद उन्हें एक लिंक भेजा गया और उनके मोबाइल पर एक शेयर मार्केट एप डाउनलोड कराया गया। एप के संचालकों ने उन्हें शेयर बाजार में निवेश कर मुनाफा कमाने का लालच दिया।
शुरुआत में पवन ने पांच लाख रुपये निवेश किए, जिसके बाद उन्हें अच्छा मुनाफा दिखने लगा। इस लुभावने मुनाफे को देखकर पवन ने अपनी पत्नी और दो बच्चों के खाते से कुल 36.75 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए। एप संचालकों ने उन्हें यह भरोसा दिलाया कि उन्हें भारी मुनाफा होगा, और कुल मिलाकर उनका मुनाफा 51.33 लाख रुपये तक पहुंचने का दावा किया।
हालांकि, जब पवन ने मुनाफे की राशि निकालने की कोशिश की, तो एप संचालकों ने उनसे 8.65 लाख रुपये कमीशन देने की मांग की। पवन ने मना किया, जिसके बाद उन्हें 5.13 लाख रुपये भेजने का दबाव डाला गया। इसके बाद पवन ने चार लाख रुपये और भेजे, लेकिन इसके बाद भी उन्हें पैसे वापस नहीं मिले। इस पर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, और अब पुलिस ठगी के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई में जुटी है।
पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, और आरोपी संचालकों की तलाश जारी है।