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Important decision of Devasthanam Board, ban on appointment of non-Hindu staff in Tirupati temple
तिरुपति। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट बोर्ड की पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। सबसे उल्लेखनीय प्रस्तावों में से एक है तिरुपति देवस्थानम में काम करने वाले गैर-हिंदू कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने या आंध्र प्रदेश के अन्य सरकारी विभागों में स्थानांतरित होने का विकल्प। इसके अतिरिक्त, प्रसादम लड्डू को लेकर विवाद के बाद, बोर्ड ने उच्च गुणवत्ता वाले घी के उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
बता दें कि, विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर मंदिर का पट्टा रद्द करने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि यह टीटीडी द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लंघन है। इस निर्णय का उद्देश्य तिरुमाला के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को संरक्षित करना और सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाना है। दर्शन की व्यवस्था में सुधार और परंपराओं का सम्मान सुनिश्चित करना ट्रस्ट का प्राथमिक उद्देश्य है।
टीटीडी की बैठक में लिए गए अहम फैसले
1) ट्रस्ट बोर्ड ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर तिरुमाला में गैर-हिंदू कर्मचारियों के मुद्दे पर उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। इस कार्रवाई से लगभग 7,000 स्थायी कर्मचारियों में से 300 पर असर पड़ सकता है।
2) तिरुमाला में राजनीतिक बयानबाजी और उनके प्रचार-प्रसार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। इस निर्देश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
3) टीटीडी बोर्ड की आगामी बैठक में ट्रस्ट के धन को निजी बैंकों से राष्ट्रीयकृत बैंकों में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया जा सकता है।
4) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और अन्य उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके श्री वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए प्रतीक्षा अवधि को 30 घंटे से घटाकर 2-3 घंटे करने का निर्णय लिया गया है।
5) तिरुपति के निवासियों को हर महीने के पहले मंगलवार को विशेष दर्शन का अवसर दिया जाएगा।
6) श्रीवारी लड्डू की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले घी का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है। हाल ही में, प्रसाद के लड्डू की गुणवत्ता जांच के दायरे में आई है।