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Shivraj's Ladli Behna scheme may be closed! These four indicating evidence
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस बार रिकॉर्ड जीत की हासिल की। जीत के बाद भाजपा ने लंबे समय से मध्य प्रदेश के सीएम रहे शिवराज सिंह चौहान को हटाकर एक नए चेहरे मोहन यादव को मध्य प्रदेश की सत्ता की बागडोर सौंप दी। जिसके बाद लाडली बहना योजना को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस योजना की शुरुआत पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने की थी। अब उनकी जगह मोहन यादव मध्यप्रदेश के मुखिया है। तो सबके मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या शिवराज सिंह द्वारा जारी की गई इस योजना को मोहन यादव चालू रखेंगे या यह योजना बंद हो जाएगी।
विपक्ष भी नई सरकार पर लाडली बहना योजना के मुद्दे को लेकर घेर रहा है। लेकिन इन सब के बीच कुछ बातें निकलकर सामने आ रही हैं, जिससे प्रतीत होता है कि सरकार आने वाले कुछ सालों में लाडली बहना योजना को बंद कर सकती है।
आपको बता दे की लाडली बहना योजना की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। जिसमें उन्होंने वादा किया था कि सभी बहनों को हर महीने 1 हजार रुपए उसके बाद 1250 रुपए और उसके बाद यह राशि ₹3000 दी जाएगी। यह राशि लाडली बहन के खातों में पूरे 5 साल पहुंचती, इससे पहले ही भाजपा ने मध्यप्रदेश की कमान मोहन यादव को सौप दी और शिवराज सिंह चौहान को इस्तीफा देना पड़ा।
पीएम का रेवड़ी कल्चर पर प्रहार
प्रधानमंत्री लगातार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी द्वारा मुफ्त में दी जा रही योजनाओं या मुफ्त में दिए जा रहे पैसों को रेवड़ी कल्चर बताकर उन पर हमला करते है। लेकिन दूसरी तरफ देखा जाए तो मध्य प्रदेश में चालू की गई लाडली बहना योजना भी रेवड़ी कल्चर के अंतर्गत ही आती है। पीएम ने रेवड़ी कल्चर पर कहा था कि मध्य प्रदेश में पीएम आवास योजना के तहत बने गरीबों के घरों को देखकर करदाताओं को यह खुशी होती है कि, उनके दिए हुए टैक्स के पैसों से किसी गरीब का घर बन रहा है। उनके पैसे से कोई गरीब अपनी दिवाली मना रहा है। दूसरी तरफ जब एक करदाता यह देखता है कि, उसके दिए गए पैसों से मुफ्त की रेवड़ी बांटी जा रही है तो अपने से एकत्र किए गए पैसे को बांटने पर वह निराश हो जाता है। आज बहुत सारे करदाता मुझे पत्र लिख रहे हैं कि, मुझे खुशी है कि देश की एक बड़े वर्ग ने देश को रेवड़ी संस्कृति से मुक्त करने का संकल्प लिया है।
सीएम मोहन यादव का ढुलमुल जबाव
मध्य प्रदेश में सीएम बनने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लाडली बहना योजना को लेकर अभी तक कोई अपना स्पष्ट बयान नहीं दिया है। जब उनसे इस योजना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, बाद में देखा जाएगा की लाडली बहना योजना का क्या करना है। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर इसे बंद करने या चालू करने की बात तो नहीं गई। लेकिन अपने इंटरव्यू में बार-बार यही कह रहे हैं कि, सभी जरूरी जन कल्याणकारी योजनाएं चालू रहेंगी। इसलिए लोगों को उम्मीद बनी है कि यह योजना चल सकती है। लेकिन जानकारों का मानना है कि, लोकसभा चुनाव तक खाते में मैं यह राशि जाएगी। उसके बाद राज्य सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठा सकती है। इससे पहले मोहन यादव ने अपने सोशल मीडिया एक हैंडल पर एक पोस्ट भी शेयर की थी। जिसमें उन्होंने लिखा था कि, मोदी की गारंटी यानी गारंटी पूरे होने की गारंटी, साथ ही सशक्त नारी का संदेश देते हुए लिखा था कि, पत्र बहनों को आर्थिक सहायता पक्का आवास, पात्र बहनों को ₹400 में गैस सिलेंडर मिलेगा।
पीएम का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नए व अनजान चेहरों को मुख्यमंत्री बनाए जाने के सवार पर कहा कि, हमारे देश का दुर्भाग्य है कि जो लोग अपनी वाणी से अपनी बुद्धि से और अपने व्यक्तित्व से सामाजिक जीवन में प्रभाव पैदा करते हैं, उनमें से एक बहुत बड़ा वर्ग एक घिसी-पिटी, बंद मानसिकता में जकड़ा हुआ है। ये सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है। किसी ने अपनी ब्रांडिंग कर दी तो बाकी लोगों का ध्यान दूसरों पर नहीं जाता है। इस बयान से तो यही स्पष्ट होता है कि विधानसभा चुनाव प्रचार में पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने जिस तरह लाडली बहना योजना के जरिए खुद की ब्रांडिंग की वह पीएम को पसंद नहीं आई।
तीनों राज्यों में बीजेपी का घोषणा पत्र
मध्य प्रदेश में जीतने के बाद पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने इस जीत को पीएम मोदी की जीत बताई। लेकिन कुछ वर्ग ऐसा भी था जो इस जीत को सीएम शिवराज व उनकी लाडली बहना की जीत बता रहा था। जिस पर भाजपा के नेता कैलाश बीजेपी ने की यह तक कह दिया था कि क्या लाडली बहना योजना राजस्थान और छत्तीसगढ़ थी। अगर वहां लाडली बहना योजना नहीं थी तो भी भाजपा की सरकार बनी, इसका मतलब है यह जीत हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर मिली है, ना की लाडली बहन के दम पर।
उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि, लाडली बहना योजना ने छिंदवाड़ा में काम क्यों नहीं किया। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपने मेनिफेस्टो में इस स्कीम की चर्चा तक नहीं की। मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना का प्रचार प्रसार सीएम शिवराज कर रहे थे। बीजेपी ने उसे अपने घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया। ना ही किसी बड़े केंद्रीय नेता ने इसको तवज्जों दी। शिवराज सिंह चौहान अपनी लेवल पर महिलाओं को ₹3000 देने का वादा करते रहे लेकिन बीजेपी ने कभी भी इस योजना के लिए कोई दावा नहीं किया।