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Station master suspended for saying Ok fed up with his quarrelsome wife filed for divorce in court considered mental cruelty in court petition accepted
बिलासपुर। स्टेशन मास्टर से ड्यूटी के दौरान ही पत्नी द्वारा झगड़ा करने की वजह से रेलवे को करोड़ों का नुकसान हो गया। आए दिन के झगड़े से परेशान पति ने कोर्ट में तलाक की अर्जी लगा दी। हाइकोर्ट ने पत्नी के इस व्यवहार को क्रूरता माना एवं पति के तलाक की याचिका को स्वीकार किया है।
याचिका के अनुसार,याचिकाकर्ता विशाखापत्तनम निवासी स्टेशन मास्टर की 12 अक्टूबर 2011 को चरोदा भिलाई निवासी युवती से हिन्दू रीति रिवाज से शादी हुई। 14 अक्टूबर 2011 को पति विशाखापटनम में रिसेप्शन अयोजित किया। इसमें नव व्याहता पत्नी विचलित थी व खुश नहीं थी। रात में उसने पति को बताया की उसका इंजीनियरिंग कॉलेज के ग्रंथपाल के साथ अफेयर है, वह उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाई है, जिसे वह कभी भूल नहीं सकती। पति ने इस बात की जानकारी लड़की के पिता को दी। पिता ने भविष्य में ऐसा नहीं करेगी कहा व इसकी गारंटी ली।
लेकिन थोड़े दिन ठीक रहने के बाद पत्नी उसके बाजू में रहकर ही प्रेमी से बात करने लगी। एक रात पति ड्यूटी में था तब पत्नी फोन कर झगड़ा करने लगी। पति ने उसे घर आकर बात करेंगे कहा एवं अंतिम शब्द OK कहा। माइक में ओके शब्द सुनकर साथ में काम का रहे दूसरे स्टेशन मास्टर ने रेलगाड़ी को रवाना करने सिग्नल दे दिया, नक्सल क्षेत्र होने के कारण उस खंड में रात 10 से सुबह 6 बजे तक रेल यातायात निषेधित है। इसके कारण रेलवे को तीन करोड़ का नुकसान हुआ और पति को निलंबित किया गया।
लगातार पत्नी द्वारा प्रताड़ित किये जाने पर उसने तलाक के लिए विशाखापटनम परिवार न्यायालय में आवेदन दिया। इसके बाद पत्नी ने 498 के तहत पति, उसके 70 वर्षीय पिता, शासकीय सेवक बड़े भाई, भाभी व मौसेरा भाई बहन के खिलाफ झूठी रिपोर्ट लिखवा दी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पति के आवेदन को दुर्ग न्यायालय ट्रांसफर किया गया। लेकिन दुर्ग परिवार न्यायालय से आवेदन खारिज होने पर पति ने हाई कोर्ट में याचिका पेश की।
जिसकी सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे एवं जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की डीबी में हुई। हाई कोर्ट ने सुनवाई में पाया कि पत्नी ने पति पर भाभी के साथ अवैध संबंध होने का आरोप लगाया था, जबकि याचिकाकर्ता की मां का 2004 में निधन हो गया है। उसकी शादी में भाभी ने मां के सभी रस्म पूरी की है। इसके अलावा पति व उसके शासकीय सेवक बड़े भाई, भाभी व अन्य रिश्तेदार जो अलग रहते है उनके खिलाफ दहेज प्रताड़ना की झूठी रिपोर्ट लिखाई। दहेज में कब व कैसे नकद रकम दिया गया नहीं बताया गया।
याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि, पति से फोन पर झगड़ा करने व इसके कारण माइक में ओके बोलने पर सहकर्मी ने प्रतिषेधित क्षेत्र के लिए रेलगाड़ी को सिग्नल दिया। जिसके लिए पति को निलंबित किया गया। पति के परिवार वालों के खिलाफ झूठी रिपोर्ट लिखाई व भाभी पर अवैध संबंध होने की बात कही, यह सब पति के प्रति मानसिक क्रूरता है। इसके बाद हाईकोर्ट ने परिवार न्यायालय के निर्णय को रद्द करते हुए पति के तलाक की याचिका को स्वीकार कर लिया।