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Two veteran Congress leaders rebelled in Bilaspur one called the district president broker and the other called the city president useless
बिलासपुर। राज्य में निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक उबाल अपने उफान पर है। बीजेपी और कांग्रेस ने अपने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। वहीं इन घोषणाओं के बाद पार्टियों के भीतर कुछ नेताओं के बागी होने की खबरें भी सामने आ रही हैं। सबसे ज्यादा बगावती सुर कांग्रेस के भीतर से सुनाई पड़ रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को आज बिलापसुर में नामांकन के दिन कांग्रेस के दो दिग्गज नेता बागी हो गए।
दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ओबीसी विभाग के त्रिलोक श्रीवास के बागी तेवर देखने को मिले। टिकट न मिलने से इतने बिफर गए कि सैकड़ों समर्थकों के साथ पहुंचे त्रिलोक ने अपने जिला अध्यक्ष को दलाल तक कह डाला की। उन्होंने कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विजय केसरवानी को बीजेपी का दलाल कह दिया। हालांकि, इतना कहने के बाद उन्होंने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश करते हुए कहा कि, पार्टी पर मुझे अब भी है भरोसा ,बी फॉर्म का है इंतजार, नहीं तो समर्थकों से सलाह लूंगा। बता दें कि, त्रिलोक ने कांग्रेस से महापौर के लिए दावेदारी पेश की थी। लेकिन उनकी जगह प्रमोद नायक को पार्टी ने टिकट दे दिया।
इसके अलावा बिलासपुर के वार्ड नंबर 32 के पूर्व कांग्रेसी पार्षद तैय्यब हुसैन का भी गुस्सा फूट पड़ा। टिकट कटने से नाराज तैय्यब ने कांग्रेस में गुटबाजी की बात कही और अपने पार्टी के शहर अध्यक्ष विजय पांडेय को निकम्मा कह दिया।
बिलासपुर कांग्रेस कमेटी में पार्षदों के टिकट वितरण के बाद बगावती सुर उठने लगे हैं। टिकट वितरण को लेकर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने नाराजगी जाहिर किया है। प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और शहर अध्यक्ष विजय पांडे पर कार्यकर्ताओं ने टिकट वितरण में अनियमिताओं का आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही बिलासपुर के राजीव गांधी चौक पर दीपक बैज का पुतला जलाया और जमकर नारेबाजी की।
प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी ने योग्य और स्थानीय उम्मीदवारों को दरकिनार कर दिया है। शहर उपाध्यक्ष मोहम्मद शेख अय्यूब का आरोप है कि कांग्रेस ने बाहरी और धनबल का सहारा लेने वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी है। इस फैसले से न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं में निराशा है, बल्कि स्थानीय लोगों के बीच भी असंतोष बढ़ी है। हमारे प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज विधानसभा चुनाव हरवाए, फिर लोकसभा चुनाव हराए और अब ऐसा टिकट बांटे हैं कि हम नगर निगम पार्षद का चुनाव हार रहे हैं। उनको तो इस्तीफा देकर बैठ जाना चाहिए, क्यों हम छोटे कार्यकर्ताओं को हरा रहे हैं। उन्होंने एकदम गलत टिकट बांटा है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं।
बता दें कि, कांग्रेस बिलासपुर में पार्टी कार्यकर्ताों के भीतर असंतोष ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। कई कांग्रेस कार्यकर्ता तो सीधे प्रदेश अध्यक्ष पर सवाल खड़े कर रहे हैं। सोमवार को प्रदर्शन के दौरान नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। साथ ही कांग्रेस पार्टी छोड़ने की बात भी कही है। अब देखना होगा कि चुनाव से ठीक पहले कार्यकर्ताओं की नाराजगी को कांग्रेस कैसे संभालती है।