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Warren Buffett made his son Howie his successor Rs 82 lakh crore Berkshire Hathaway Group will support Rs 12 lakh crore will be spent on philanthropy
Warren Buffett news: दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और पुराने निवेशकों में से एक, वॉरेन बफेट ने अपना उत्तराधिकारी चुन लिया है जो उनकी अपनी संपत्ति 954 अरब डॉलर (करीब 82 लाख करोड़ रुपए) के कॉरपोरेट ग्रुप का दारोमदार अपने कंधों पर लेगा। मशहूर निवेशक और बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन वॉरेन बफेट मंझले बेटे हार्वर्ड बफेट ऊर्फ हॉवी को कंपनी का अगला चेयरमैन बनाने के लिए तैयार कर रहे हैं। इस फैसला को लेने में 94 साल के बफेट ने कई दशकों का समय लिया।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, बफेट कोई ऐसा शख्स चाहते थे जो 954 अरब डॉलर (करीब 82 लाख करोड़ रुपए) के कॉरपोरेट ग्रुप को वैसे संभाल सके, जैसे वो संभालते आए हैं। इसीलिए उन्होंने इतना लम्बा समय लिया।
बफेट इस बारे में स्पष्ट हैं कि उन्होंने हॉवी को इस पद के लिए क्यों चुना। हालांकि उन्होंने कहा- हॉवी ये जिम्मेदारी इसलिए मिल रही है क्योंकि वे मेरे बेटे हैं। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे अपने तीनों बच्चों पर भरोसा है।’ बफेट बोले- हॉवी को बिजनेस नहीं चलाना, बस सही सीईओ चुनना है। बता दें कि, साल 2013 में वॉरेन बफेट ने हॉवी को गैर-कार्यकारी चेयरमैन बनाया था, तब उनके चयन पर कई तरह की बाते हुई थीं।
हॉवी ने कहा- वे 30 से बर्कशायर के बोर्ड में डायरेक्टर हैं। मुझे कई सालों से ट्रनिंग दी जा रही हैं। अब नई भूमिका के लिए तैयार हूं। मैंने अधिकांश जीवन पिता के काम को करीब से देखते हुए बिताया है।’ उन्होंने कहा कि मैं बचपन में बफेट की टेलीफोन पर हुई बातें सुना करते था। मैं अपने पिता से उन चीजों के बारे में सवाल पूछता था जो उन्हें समझ में नहीं आती थीं।
बफेट ने ये भी स्पष्ट किया है कि उनके बच्चों को उनकी सारी संपत्ति नहीं मिलेगी। हॉवी को दो भाई-बहनों 71 वर्षीय सूसी और 66 वर्षीय पीटर के साथ बर्कशायर की संपत्ति में से करीब 12 लाख करोड़ रुपए परोपकार पर खर्च करना होगा।
वॉरेन बफेट की नई योजना में सबसे बड़ा बदलाव है बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन को आगे कोई दान न देना। 2006 से बफेट ने फाउंडेशन को 39 अरब डॉलर से ज्यादा दान दिए हैं। लेकिन, उनके निधन के बाद कोई और योगदान नहीं दिया जाएगा। बफेट ने साफ शब्दों में कहा, 'मेरी मौत के बाद गेट्स फाउंडेशन को कोई पैसा नहीं मिलेगा।' इससे साफ है कि अब उनका पूरा फोकस अपने बच्चों के काम पर होगा।
दान देने के बारे में बफेट के विचार समय के साथ बदले हैं। पहले, वह अपनी दौलत अपने पास रखना और बाद में बांटना चाहते थे। लेकिन, 2006 में उन्होंने गेट्स फाउंडेशन और कई पारिवारिक फाउंडेशन को सालाना दान देना शुरू किया। उनकी ज्यादातर दौलत पहले ही दान हो चुकी है, लेकिन बची हुई दौलत का भविष्य अब तक अनिश्चित था।
नया ट्रस्ट सिर्फ पैसों के बारे में नहीं है – यह उन नेक कामों को आगे बढ़ाने के बारे में है, जिनका बफेट ने जीवन भर समर्थन किया है। शेरवुड फाउंडेशन चलाने वाली सूसी बफेट ने कहा है कि अभी उनकी योजनाओं के बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन, वह अपने अब तक के काम को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। होवर्ड जी बफेट फाउंडेशन के प्रमुख हॉवी बफेट ने भी यही बात दोहराई। अपने पिता के भविष्य के दान के बारे में सोच को अहम बताया।