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Will America occupy Greenland Prime Minister ready to talk to US President Trump
ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बातचीत को लेकर हामी भरी है। उनका यह बयान राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रम्प के ग्रीनलैंड को नियंत्रण में लेने की बात के बाद आया है। ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेदे ने कहा है कि उनके देश के लोग अमेरिकी नहीं बनना चाहते लेकिन वह बातचीत को तैयार हैं।
एगेदे ने कहा, ”हमें स्वतंत्र होने की इच्छा है, हम अपने घर का मालिक बनना चाहते हैं, यह ऐसी बात है जिसका सबको सम्मान करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि अभी उनका ट्रम्प से कोई सम्पर्क नहीं हुआ है लेकिन वह बातचीत के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ग्रीनलैंड अमेरिका के साथ अपने सहयोग को बढ़ाने को राजी है।
उन्होंने इसी के साथ यह स्पष्ट कर दिया कि उनके देश के लोग ना ही अमेरिकी और ना ही डेनिश बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “हम डेनिश नहीं बनना चाहते। हम अमेरिकी नहीं बनना चाहते। हम ग्रीनलैंडिक बनना चाहते हैं… बेशक, यह ग्रीनलैंड के लोग ही हैं जो अपना भविष्य तय कर सकते हैं।”
ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री ने यह सारी बातें कोपनहेगन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तब कहीं जब डेनमार्क के प्रधानमंत्री भी उनके साथ बैठे थे। डेनमार्क का ग्रीनलैंड पर वर्तमान में नियंत्रण है। ग्रीनलैंड को 2009 में कई मामलों में स्वायत्ता दे दी गई थी लेकिन उसकी विदेश नीति और रक्षा नीति डेनमार्क ही तय करता है।
ग्रीनलैंड 57,000 की आबादी वाला एक द्वीप है जो कि डेनमार्क के साम्राज्य का हिस्सा है। ग्रीनलैंड में लगातार पूर्ण स्वतंत्रता की आवाजें उठती रही हैं। ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री ने इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया है कि वह अमेरिका से बातचीत और स्वतंत्रता की माँग के बीच डेनमार्क से संबंध नहीं खत्म करेंगे।
उन्होंने कहा, “हम स्वतंत्रता चाहते हैं… लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम डेनमार्क के साथ सभी संबंध, सहयोग और सभी रिश्ते खत्म कर रहे हैं।”
अमेरिका के ग्रीनलैंड का नियंत्रण लेने की बात का यह मामला ट्रम्प के हालिया बयानों के बाद चालू हुआ है। उन्होंने हाल ही में कहा था कि अमेरिका की आर्थिक और रणनीतिक सुरक्षा के लिए ग्रीनलैंड का नियंत्रण लेना जरूरी है। उन्होंने पनामा की नहर कब्जाने की बात भी कही थी। इसके अलावा वह कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य भी बनाना चाहते हैं।
ट्रम्प ने इस संबंध में सैन्य कार्रवाई तक से इनकार नहीं किया था। उन्होंने कहा था कि डेनमार्क का ग्रीनलैंड पर कानूनी अधिकार स्पष्ट नहीं है। ट्रम्प के इस बयान को लेकर अब डेनमार्क, ग्रीनलैंड और अमेरिका में बहस छिड़ी हुई है।
जहाँ डेनमार्क का कहना है कि ग्रीनलैंड के लोग अपनी इच्छा के अनुसार निर्णय करेंगे तो वहीं ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री ने साफ़ किया है कि वह अमेरिकी नहीं बनना चाहते। अमेरिका इससे पहले द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ग्रीनलैंड को खरीदने की कोशिश कर चुका है। वह वहाँ एक मिलिट्री बेस भी चलाता है।