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PM Modi's guarantee challenged in High Court! 'Ram Lalla Darshan Scheme' against country's secularism, also challenges SAI Cabinet's decision
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पीएम मोदी की गारंटी को चुनौती दी। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय में रामलला दर्शन योजना और सीएम विष्णु देव साय सरकार के फैसले के खिलाफ जनहित याचिका दायर हुई है। याचिका में इस योजना को देश के धर्म निरपेक्षता के खिलाफ बताया गया है। मामले पर जल्द सुनवाई हो सकती है।
बिलासपुर के देवरीखुर्द निवासी लखन सुबोध ने उच्च न्यायलय में अर्जी लगते हुए कहा है कि भारत का संविधान हमारे देश को धर्मनिरपेक्ष बनाता है। लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार केवल एक धर्म के लोगों(हिन्दू) को खुश करने का काम कर रही है। टूरिज्म बोर्ड के अधिवक्ता फिजी ग्वालरे ने बताया गया कि, भाजपा द्वारा अपने घोषणा पत्र मे किए गए वादे 'मोदी की गारंटी 2023' के अनुरूप अयोध्या दर्शन को पूरा करने 1 जनवरी 2024 को साय कैबिनेट ने फैसला लिया था। कैबिनेट ने रामलला दर्शन (अयोध्या धाम) योजना शुरू करने का महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए स्वीकृत किया गया। याचिका में मंत्री परिषद् के इस फैसले को चुनौती दी गयी है। इसके अलावा इस पूरी योजना को चुनौती दी गयी है।
याचिकाकर्ता लखन सुबोध के वकील ने लिस्टिंग से पहले नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि अदालत में टेक्निकल ग्राउंड पर याचिका ख़ारिज न हो इसलिए योजना के साथ-साथ कैबिनेट के 10 जनवरी के फैसले को भी चुनती दी गयी है।
लखन सुबोध ने अपनी याचिका में कहा कि, धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत कहता है कि सरकार किसी एक धर्म का प्रचार और उठान के लिए काम न करे। देश में केवल हिन्दू ही नहीं दूसरे धर्म के लोग भी रहते है। लेकिन केवल एक धर्म के लोगों को धार्मिक पर्यटन (RELIGIOUS TOURISM) के तौर पर लाभ सरकार द्वारा दिया जा रहा है। योजना के नाम पर जनता के पैसे का दुरूपयोग किये जाने की बात भी याचिका में कही गयी है। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि राज्य सरकार ने इस योजना के लिए शुरुआत में करीब 35 करोड़ रूपए जारी किये गए। याचिका में राज्य शासन, छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड आदि को पक्षकार बनाया गया है।
प्रदेश के निवासियों को छत्तीसगढ़ सरकार रामलला दर्शन योजना के तहत निम्नलिखित लाभ प्रदान करेगी :-