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Farmers of 22 villages used shovels in the Indravati river and brought water to the Indravati river
बस्तर। सूखती इंद्रावती नदी और फसलों को बचाने के लिए बुधवार को किसानों ने बड़ा कदम उठाया। जिले के तोकापाल, लोहंडीगुड़ा और बस्तर ब्लॉक के किसान और इंद्रावती बचाओ संघर्ष समिति के सैकड़ों लोग अचानक ही जोरा नाला पहुंच गए और यहां छत्तीसगढ़ के हिस्से में पानी को आने से रोकने वाले रेत के टीले और पत्थरों को खुद ही श्रमदान करके हटा दिया। किसान अपने साथ गैती, फावड़ा और सब्बल लेकर पहुंचे। इसके बाद जोरा नाले में रेत के टीले और पत्थरों को हटाना शुरू किया। दोपहर दो बजे तक मौके पर बड़ी मात्रा में रेत के टीले और पत्थर हटाने के बाद पानी का फ्लो इंद्रावती की तरफ बढ़ गया। जोरा नाले में रेत के टीले और पत्थर को हटाने को लेकर छत्तीसगढ़ और ओडिशा सरकार के बीच 20 सालों से विवाद चल रहा था।
इंद्रावती नदी का पानी जोरा नाला में जाने की वजह से बस्तर के हिस्से में पानी नहीं आ रहा था और नदी सूख रही थी। इसे लेकर प्रभावित किसानों ने पिछले दिनों एनएच जाम किया था। साथ ही बीते मंगलवार को नदी में सांकेतिक रूप से श्रमदान करते हुए बुधवार तक जोरा नाला की समस्या का हल नहीं होने पर धरना देनेे का अल्टीमेटम दिया था।
छत्तीसगढ़ जल संसाधन विभाग के अफसर रेत के टीले और पत्थरों को हटाने की मांग कई बैठकों में करते रहे लेकिन अधिकारिक या यूं कहें कि सरकारी तौर पर यह काम नहीं हो पाया। हाल के दिनों में भी दोनों राज्यों के अफसरों के बीच उदयपुर में बैठक हुई। इसके बाद दोनों राज्यों के अफसर जोरा नाला में निरीक्षण के लिए पहुंचे लेकिन रेत के टीले-पत्थर नहीं हटे।
इसके बाद बीते बुधवार को जब इंद्रावती बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले किसान जोरा नाला पहुंचे तो उन्होंने धरना देने की जगह नदी से रेत और चट्टान हटाने का काम शुरू कर दिया। इसका नजीता यह हुआ कि नदी का पानी बस्तर की तरफ तेजी से आने लगा। इसी बीच छत्तीसगढ़ सरकार की पहल पर ओडिशा सरकार ने भी जोरा नाला के कंट्रोल स्ट्रक्चर पर रेत की बोरियां डालनी शुरू कर दी। एक फीट तक ऊंचाई बढ़ाने से अब बस्तर की तरफ तेजी से पानी आ रहा है।
इंद्रावती बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष लखेश्वर कश्यप ने बताया कि बुधवार को उन्होंने मौके से ओडिशा के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को काम शुरू करने की जानकारी दी। इस पर अधिकारियों ने काम शुरू करने की इजाजत दी। अपर कलेक्टर सीपी बघेल और एडिशनल एसपी महेश्वर नाग समेत ईई जल संसाधन वेद पांडेय ने स्थानीय किसानों को कलेक्ट्रेट बुलाकर नदी के लिए किए जा रहे कामों की जानकारी दी।
उन्हें बताया गया कि ओडिशा ने जोरा नाला के कंट्रोल स्ट्रक्चर की हाइड बढ़ाने का काम शुरू कर दिया। पानी का प्रवाह अब बढ़ रहा है। इस पर किसानों ने प्रशासन ने कहा कि, अब बस्तर की तरफ के सारे एनिकेट खोलने से ही किसानों को पानी मिलेगा। इस दिशा में भी काम किया जाए। प्रशासन ने जल्द ही यह काम करने की बात कही।
जल संसाधन विभाग के अनुसार, राज्य सरकार की पहल पर जोरा नाला के स्ट्रक्चर में रेत की बोरिया डाल जल प्रवाह बढ़ाया जा रहा है। जल समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल को इन्द्रावती नदी के जल संकट की समस्या से अवगत कराया था। जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और ओडिशा के मुख्यमंत्री को समस्या का हल करने निर्देश दिए।
जिसके बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री ने राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया। इसके बाद अब जोरा नाला में स्थित कन्ट्रोल स्ट्रक्चर को अस्थाई रूप से एक फिट ऊंचा किया गया। जिससे इन्द्रावती नदी के जल प्रवाह में वृद्धि हुई है। साथ ही इन्द्रावती नदी के अप स्ट्रीम एवं डाउन स्ट्रीम में जमा रेत को हटाने का काम प्रारंभ किया जा चुका है, जिसे अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक हटा लिया जाने का आश्वासन दिया गया है।