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Lord Jagannath Rath Yatra starts from 7th July
भुवनेश्वर। इस साल पुरी से निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा केवल दो दिन की ही रहेगी। जगन्नाथ मंदिर के पंचांग बनाने वाले ज्योतिषी का कहना है कि, इस साल आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष में तिथियां घट गई है। जिसके कारण रथयात्रा से पहले होने वाली पूजा और परंपराएं केवल 7 जुलाई की शाम तक ही चलेंगी, जिसके बाद शाम को करीबन 4 बजे के आस पास ये रथ यात्रा शुरू की जाएगी।
मंदिर के ज्योतिषों के अनुसार, रथयात्रा की तिथि में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है इसलिए सुबह को शुरू होने वाली रथयात्रा शाम को शुरू होगी। इससे पहले वर्ष 1971 में भी ऐसा ही हुआ था। प्रमुख ज्योतिषी डॉ. ज्योति प्रसाद का कहना है कि, 7 जुलाई को दिनभर पूजा परंपराएं चलेंगी और शाम को 4 बजे के आसपास रथयात्रा शुरू होने की संभावना है। जिसके बाद सूर्यास्त होने के बाद रथ नहीं हांके जाते हैं, इसलिए रथ रास्ते में ही रोक दिया जायेगा। फिर दूसरे दिन 8 जुलाई को सुबह जल्दी रथ चलना शुरू कर दिया जायेगा। जानकारी के मुताबिक, रथ इसी दिन गुंडिचा मंदिर पहुंच जाएगा।
हर साल आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की दूसरी तिथि को भगवान जगन्नाथ, अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर मुख्य मंदिर से 3 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर तक जाते हैं। भगवान अगले 7 दिनों तक इसी मंदिर में ही रहते हैं। इसके बाद आठवें दिन यानी दशमी तिथि को तीनों रथ मुख्य मंदिर के लिए लौटते हैं। भगवान की मंदिर वापसी वाली यात्रा को ‘बहुड़ा’ यात्रा कहा जाता है।
दो दिन की होने वाली रथयात्रा के कारण ओडिशा सरकार ने दो दिनों के लिए सरकारी छुट्टी का ऐलान कर दिया है। मंगलवार को पुरी में आयोजित की गई समीक्षा बैठक में सीएम मोहन चरण माझी ने 7 और 8 जुलाई को सरकारी दफ्तर, स्कूल-कॉलेज बंद करने की घोषणा की है। वहीं रथ यात्रा की तैयारी को लेकर ओडिशा सरकार ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए है। साथ ही समुद्र से लगे जगहों पर जाने से लोगों को मना किया है क्योंकि इस समय हाई टाईड जैसे समस्याए देखी जाती है, जिससे उसके आस पास मौजूद लोगों को खतरा हो सकता है। साथ ही यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए पानी, भोजन,और रुकने जैसी अन्य व्यवस्था ओडिसा सरकार कर रही है।