Copyright © 2024 rights reserved by Inkquest Media
अन्य समाचार
Surya Tilak will be installed on the head of Ram Lalla on Ram Navami, a unique example of spirituality and science know how it will work
अयोध्या। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आज पूरे देश में आज दिवाली मनाई जा रही है। लेकिन अप्रैल के महीने में आने वाले रामनवमी की चर्चा अभी से शुरू हो गयी है। इसके लिए राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से विशेष तैयारी की गई है। इस दिन रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक लगेगा। यह सौर ऊर्जा से संचालित एक ग्राउंडब्रेकिंग फीचर है। विज्ञान के साथ आध्यात्म को मिश्रित करने वाली यह बड़ी पहल मानी जा रही है।
कैसे काम करेगा सूर्य तिलक?
"सूर्य तिलक" एक सरल प्रणाली है जो भगवान राम की मूर्ति के माथे को 'तिलक' (माथे पर पहना जाने वाला एक पारंपरिक हिंदू चिह्न) के रूप में सूर्य के प्रकाश के साथ सजाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह विशेष रूप से वार्षिक राम नवमी समारोह के लिए तैयार की गई है।
कौन सी काम करती है तकनीक?
ओडिया वैज्ञानिक सरोज कुमार पाणिग्रही के नेतृत्व में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) की एक टीम द्वारा विकसित, इस परियोजना में कोई बिजली, बैटरी, लोहा या स्टील शामिल नहीं है। यह पीतल से बना एक मैन्युअल रूप से संचालित प्रणाली है।
बता दें कि, मंदिर की तीसरी मंजिल पर तैनात ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम तैनात किया गया है। इसमें उच्च गुणवत्ता वाले दर्पण और लेंस शामिल हैं जो मूर्ति पर सूर्य किरणों को चैनल कर सीधे रामलला के मस्तक पर फोकस करेंगे। सिस्टम का डिज़ाइन हर साल राम नवमी पर सूर्य की बदलती स्थिति के लिए डिज़ाइन किया गया है।
अयोध्या राम मंदिर सहयोग और योगदान
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के तहत कई संस्थानों ने राम मंदिर के निर्माण में योगदान दिया है। इनमें एनजीआरआई, आईआईए बेंगलुरु और आईएचबीटी पालमपुर जैसे संस्थान शामिल हैं।