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18 days NIA custody to 26/11 Mumbai attacks mastermind Tahawwur Rana
नई दिल्ली: 2008 के 26/11 मुंबई आतंकी हमलों की भयावह त्रासदी से जुड़ा एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। इस हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक तहव्वुर हुसैन राणा को आखिरकार भारत लाया गया और उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में सौंप दिया गया। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने राणा को 18 दिन की NIA कस्टडी में भेजने का आदेश सुनाया। यह आदेश विशेष NIA न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने गुरुवार देर रात तक चली सुनवाई के बाद सुनाया।
64 वर्षीय राणा को गुरुवार देर रात भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच कोर्ट लाया गया। इस दौरान एक जेल वैन, बख्तरबंद SWAT वाहन, एंबुलेंस और अन्य सुरक्षा बलों के वाहनों का बड़ा काफिला कोर्ट परिसर पहुंचा। एनआईए ने राणा की 20 दिन की हिरासत की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने 18 दिन की कस्टडी को मंजूरी दी।
एनआईए मुख्यालय में पूछताछ शुरू
कोर्ट की कार्यवाही के बाद तहव्वुर राणा को कड़ी सुरक्षा में NIA मुख्यालय ले जाया गया, जहां उसे मुख्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर बने लॉकअप में रात भर रखा गया। शुक्रवार सुबह से एनआईए की विशेष टीम ने उससे पूछताछ शुरू कर दी है। यह पूछताछ मुख्यालय की तीसरी मंजिल पर बने विशेष क्वेश्चनिंग रूम में की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, एनआईए के पास राणा के खिलाफ कुछ महत्वपूर्ण ईमेल और अन्य सबूत हैं, जिनके आधार पर उससे गहन पूछताछ की जाएगी। एजेंसी का दावा है कि तहव्वुर राणा की पूछताछ से 26/11 हमलों की गहराई से साजिश का खुलासा किया जा सकेगा।
डेविड हेडली से राणा का गहरा संपर्क
एनआईए ने कोर्ट को बताया कि राणा ने हमले की योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हमलों के सह-साजिशकर्ता डेविड हेडली ने भारत आने से पहले पूरे ऑपरेशन पर राणा से चर्चा की थी। हेडली ने संभावित चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए राणा को ईमेल के जरिए अपने प्लान, संपत्तियों और अन्य जानकारियों के बारे में बताया था। साथ ही, उसने पाकिस्तान स्थित आतंकियों – इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान – की भूमिका के बारे में भी जानकारी दी थी।
कोर्ट में वकील नहीं होने की जानकारी
सुनवाई के दौरान जब कोर्ट ने राणा से पूछा कि क्या उसके पास कोई वकील है, तो उसने इंकार कर दिया। इसके बाद दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से अधिवक्ता पीयूष सचदेवा को राणा की पैरवी के लिए नियुक्त किया गया। NIA की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान ने केस की पैरवी की।
प्रत्यर्पण की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद भारत लाया गया राणा
NIA ने प्रेस रिलीज में जानकारी दी कि गुरुवार को राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया। उसे लॉस एंजेलेस से एक विशेष विमान से भारत लाया गया, जिसमें एनआईए और एनएसजी के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में राणा ने अमेरिका की अदालतों में कई कानूनी लड़ाइयाँ लड़ीं, लेकिन अंत में सभी याचिकाएं खारिज कर दी गईं। यहां तक कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से भी उसे राहत नहीं मिली। भारत के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने अमेरिका की एफबीआई, यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर यह प्रक्रिया पूरी की।