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An important decision in Chhattisgarh High Court: Justice Ravindra Kumar Agarwal becomes permanent judge
बिलासपुर। केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने 8 अगस्त को एक अहम घोषणा करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल को अब स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों पर आधारित है, और इसके साथ ही आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और कलकत्ता हाईकोर्ट के आठ अन्य अतिरिक्त न्यायाधीशों को भी स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है।
जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल का जन्म 31 जुलाई, 1968 को छत्तीसगढ़ के भाटापारा में हुआ था। उनकी शिक्षा रायपुर और बिलासपुर में हुई, जिसके बाद उन्होंने राजनांदगांव के शासकीय दिग्विजय कॉलेज से बीएससी और 1991 में लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की।
14 सितंबर, 1992 को एक वकील के रूप में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने बिलासपुर जिला न्यायालय में वकालत की और 2000 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। अपनी विशेषज्ञता के कारण, 2017 में उन्हें सरकारी अधिवक्ता नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने दिसंबर 2018 तक अपनी सेवाएं दीं। 20 अक्टूबर, 2023 को वे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश बने।
जस्टिस अग्रवाल के अलावा, केंद्र सरकार ने अन्य हाईकोर्ट में भी नियुक्तियां की हैं:
* आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट: जस्टिस हरिनाथ नुनेपल्ली, जस्टिस किरणमयी मंडावा, जस्टिस सुमति जगदम और जस्टिस न्यापति विजय।
* कर्नाटक हाईकोर्ट: जस्टिस गुरुसिदैया बसवराजा।
* कलकत्ता हाईकोर्ट: जस्टिस पार्थ सारथी सेन और जस्टिस अपूर्ब सिन्हा राय।
इसके अतिरिक्त, कलकत्ता हाईकोर्ट के सात अन्य अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति को एक साल के लिए फिर से बढ़ाया गया है। इन नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 28 जुलाई को अपनी सिफारिशें दी थीं।