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Chhattisgarh: Union Home Minister Amit Shah addressed the closing ceremony of Bastar Olympics in Jagdalpur, Chhattisgarh today.
जगदलपुर। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज शनिवार को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बस्तर ओलिंपिक-2025 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2026 तक बस्तर सहित पूरे भारत से नक्सलवाद का पूर्ण रूप से खात्मा कर दिया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
नक्सलमुक्त बस्तर की ओर निर्णायक कदम
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार कंधे से कंधा मिलाकर विकसित बस्तर के संकल्प को साकार कर रही है। उन्होंने दावा किया कि बस्तर ओलिंपिक-2026 नक्सलमुक्त बस्तर में आयोजित होगा और नवंबर-दिसंबर 2026 तक यह लक्ष्य पूरी तरह हासिल कर लिया जाएगा।

अगले पांच साल में देश का सबसे विकसित आदिवासी संभाग बनेगा बस्तर
अमित शाह ने कहा कि कांकेर, कोंडागांव, बस्तर, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा—इन सात जिलों वाला बस्तर संभाग अगले पांच वर्षों में देश का सबसे विकसित आदिवासी क्षेत्र बनेगा। उन्होंने बताया कि हर गांव को सड़क, बिजली, बैंकिंग सुविधा, स्वास्थ्य सेवाएं, घर-घर नल से जल, मुफ्त इलाज और खाद्यान्न की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
700 से अधिक आत्मसमर्पित नक्सलियों की भागीदारी
गृह मंत्री ने बस्तर ओलिंपिक-2025 को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इसमें 3 लाख 91 हजार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जो पिछले वर्ष की तुलना में ढाई गुना अधिक है। खास बात यह रही कि 700 से अधिक आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली युवाओं ने भी इन खेलों में भाग लिया। उन्होंने इसे “भय से आशा और विनाश से विकास की ओर कदम” बताया।
महिलाओं की भागीदारी में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
अमित शाह ने बताया कि, खिलाड़ियों की वृद्धि दर में महिलाओं ने पुरुषों से बाजी मारी है। बहनों की सहभागिता में लगभग तीन गुना की वृद्धि दर्ज की गई है, जो बस्तर में सामाजिक बदलाव का बड़ा संकेत है।
हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आने की अपील
गृह मंत्री ने हथियारबंद नक्सलियों से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करें और सरकार की पुनर्वसन नीति का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद से किसी का भला नहीं होता न युवाओं का, न आदिवासियों का और न ही सुरक्षाबलों का। शांति ही विकास का एकमात्र मार्ग है।
खेल और संस्कृति को मिलेगा राष्ट्रीय मंच
अमित शाह ने कहा कि बस्तर के खिलाड़ियों की प्रतिभा को पहचानने के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) की टीम यहां पहुंची है। आने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स और ओलंपिक में बस्तर के खिलाड़ी देश का नाम रोशन करें, इसके लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। साथ ही बस्तर की समृद्ध आदिवासी संस्कृति, कला, संगीत और परंपराओं को संरक्षित करने के लिए भी सरकार प्रतिबद्ध है।
‘लाल सलाम’ से ‘भारत माता की जय’ तक
अपने संबोधन के अंत में अमित शाह ने कहा कि जहां कभी ‘लाल सलाम’ के नारे गूंजते थे, आज वहां ‘भारत माता की जय’ के नारे सुनाई दे रहे हैं। बस्तर अब भय नहीं, बल्कि भविष्य का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने समाज प्रमुखों और समाजसेवकों से अपील की कि वे शेष बचे नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने में सहयोग करें।