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Bijapurs DRG Jawan Kishan Hapka set an example for the country and struggle by winning the gold medal in archery at the Bastar Olympics 2025
Chhattisgarh News: बीजापुर के किशन हपका ने बस्तर ओलंपिक 2025 में गोल्ड मेडल जीता। किशन बचपन से ही खेलों में रुचि रखते थे और कबड्डी खेलना पसंद करते थे। वह जिला जूनियर कबड्डी टीम तक चुने गए थे। लेकिन 2024 में एक नक्सली सर्च ऑपरेशन के दौरान आईईडी ब्लास्ट में उनकी एक टांग चली गई। इसके बाद उन्होंने कृत्रिम पैर लगाया, लेकिन कबड्डी खेल पाना संभव नहीं था। इसी वजह से उन्होंने आर्चरी में अपनी मेहनत लगाई और 2025 के स्पेशल बस्तर ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर अपने संघर्ष की मिसाल कायम की।
किशन हपका 2018‑19 में छत्तीसगढ़ पुलिस में आरक्षित पद पर भर्ती हुए और बाद में DRG (District Reserve Guard) बीजापुर का हिस्सा बने। उनका गांव नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है, इसलिए पुलिस में भर्ती होना उनके और उनके परिवार के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। नक्सलियों ने कई बार उनके पिता और छोटे भाई को धमकाया और उनके छोटे भाई के साथ मारपीट भी की। किशन को भी नौकरी छोड़ने के लिए पत्र भेजा गया, लेकिन उन्होंने अपने जज्बे से डटे रहे।
किशन बताते हैं कि उनके मन में देश सेवा का जज्बा बचपन से था। कक्षा तीसरी में पढ़ाई के दौरान उन्होंने एक जवान की कहानी पढ़ी और तभी से देश के लिए कुछ करने का सपना देखा। 18 वर्ष की उम्र पूरी होने पर उन्होंने पुलिस भर्ती के लिए आवेदन किया और उनका चयन हो गया। हालाँकि शुरू में संसाधनों की कमी और माओवाद की समस्या थी, लेकिन अब परिस्थितियाँ सुधरी हैं और किशन और भी बेहतर पदों पर सेवा देने की तैयारी कर रहे हैं।
बस्तर ओलंपिक 2025 में किशन की यह जीत केवल एक मेडल नहीं है, बल्कि संघर्ष, साहस और आत्मविश्वास की प्रेरणा भी है। उनके अनुभव ने यह साबित किया कि मुश्किल हालात में भी अगर जज्बा मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।