Balodabazar violence: 7 accused including MLA presented in court, Devendra Yadav said - full faith in judiciary
रायपुर। आज कलेक्ट्रेट में आगजनी की घटना के मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई। भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव समेत सात अन्य पर दशहरा मैदान में आगजनी के दौरान मौजूद लोगों को भड़काने का आरोप है। बचाव पक्ष ने कोर्ट में इन आरोपों से इनकार किया है। अभियोजन पक्ष की गवाही के लिए अगली सुनवाई तय की जाएगी।
10 जून को जैतखाम में तोड़फोड़ की घटना को लेकर सतनामी समुदाय द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान बलौदाबाजार में हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा के कारण संयुक्त जिला कार्यालय भवन, पुलिस अधीक्षक कार्यालय और तहसील कार्यालय सहित कई स्थानों पर तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं। इसके जवाब में पुलिस ने कानून की विभिन्न धाराओं के तहत 13 एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें से केस नंबर 386/2024 में भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव और छह अन्य शामिल हैं, जिसकी सुनवाई आज हुई।
जिला एवं सत्र न्यायालय के प्रथम अपर सत्र न्यायालय में पेश होने के बाद विधायक देवेन्द्र यादव ने कहा कि, यह मामला राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने न्यायपालिका पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी और सत्ता में आने के बाद वे इस मामले को खत्म कर देंगे। इस बीच, सरकार की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक मुकुंद देशपांडे ने कहा कि आरोपों के बाद गवाहों की कार्यवाही होगी। साथ ही, आरोपियों के बचाव पक्ष के वकील अनादि शंकर मिश्रा ने बताया कि, कलेक्ट्रेट जलाने के मामले में अदालत ने चार्जशीट जारी कर दी है और आगामी सुनवाई में गवाहों के बयान पेश किए जाएंगे।
बालौदा बाजार हिंसा में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हुआ था। कलेक्ट्रेट भवन में 257 से अधिक वाहन जलाए गए थे, जिनमें सरकारी अधिकारियों के वाहन, 3 अग्निशामक वाहन और आम जनता के कई वाहन शामिल थे। यहां तक कि पारिवारिक न्यायालय के एक न्यायिक अधिकारी का वाहन भी आग के हवाले कर दिया गया, जिसके लिए एक अलग एफआईआर दर्ज की गई थी।
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