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Big action by Election Commission: 334 political parties out of the list before Bihar elections; Commission canceled their registration, know the reason
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 334 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को अपनी लिस्ट से हटा दिया है। यह कार्रवाई उन दलों पर की गई है, जिन्होंने पिछले छह साल (2019 से) में कोई चुनाव नहीं लड़ा। आयोग ने पाया कि इन दलों का कोई दफ्तर या पता भी नहीं था, जिससे इनके सिर्फ कागजों पर होने की आशंका बढ़ गई थी।
चुनाव आयोग के मुताबिक, देश में कुल 2,854 ऐसे दल थे जिनकी जाँच की गई। इनमें से 334 दल नियमों के मुताबिक नहीं थे। इन दलों को हटाने का मकसद राजनीति को साफ-सुथरा बनाना है। अब ये दल आने वाले चुनावों में अपने उम्मीदवार नहीं उतार पाएंगे।
पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को सीधे किसी दल की मान्यता रद्द करने से रोक दिया था, क्योंकि इसके लिए कोई कानून नहीं था। इसके बाद आयोग ने एक नया तरीका निकाला, जिसके तहत निष्क्रिय दलों को लिस्ट से हटा दिया जाता है। हटाए गए दलों को पहले नोटिस दिया गया था ताकि वे अपना पक्ष रख सकें। जब कोई जवाब नहीं मिला, तो यह कार्रवाई की गई।
चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि यह 'सफाई अभियान' आगे भी जारी रहेगा। नियमों के मुताबिक, अगर कोई भी पार्टी लगातार छह साल तक चुनाव नहीं लड़ती, तो उसे लिस्ट से हटा दिया जाएगा। हटाए गए दलों के पास 30 दिन का समय है, जिसके अंदर वे इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं। फिलहाल, देश में 6 राष्ट्रीय दल और 67 राज्य स्तरीय दल सक्रिय हैं।