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Big action of ACB in Kawardha Raid conducted at the house of suspended Assistant Accounts Officer arrested while taking bribe of lakhs
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले से बड़ी खबर सामने आई हैं। यहां एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने निलंबित सहायक लेखा अधिकारी के घर पर रेड मारी है।
जानकारी के मुताबिक, कवर्धा के आनंद विहार में बोड़ला पंचायत के निलंबित सहायक लेखा अधिकारी नरेंद्र राउतकर का मकान है। आज सुबह 6 बजे एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर की टीम छापा मारने राउतकर के मकान में पहुंचीं। घर में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम की दस्तक से ही घर वालों की नींद खुली। राउतकर के घर में उनकी पत्नी व बच्चे मौजूद थे। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम में 7 सदस्य शामिल है। निरीक्षक स्तर के अधिकारी घर में छानबीन में जुटे हुए हैं। आनंद विहार स्थित मकान के अलावा एसीबी की टीम ने उनके दो अन्य ठिकानों पर भी छापा मारा है।
बता दें कि, 12 सितंबर को एक लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ने के बाद नरेंद्र राउतकर को 13 सितंबर को एसीबी ने अदालत में पेश कर जेल भेजा था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई। रंगे हाथों गिरफ्तार करने के अलावा आय से अधिक संपत्ति की आशंका पर एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम जांच में जुटी है।
सूत्रों के अनुसार, पीड़ित मोती बैगा, ग्राम कुकरापानी, तहसील बोडला, जिला कबीरधाम द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो के रायपुर कार्यालय में शिकायत की गई थी कि उसकी पत्नी ग्राम पंचायत, कुकरापानी की सरपंच है। शासन द्वारा उसके ग्राम पंचायत को आंगनबाड़ी भवन कार्य के लिये 11.69 लाख रूपए स्वीकृत किये गये थे। स्वीकृत धनराशि का आहरण जनपद पंचायत बोडला कार्यालय से होना था, लगभग 05.84 लाख रूपए ग्राम पंचायत को जारी भी कर दिये गये थे। परन्तु कार्यालय के सहायक लेखाधिकारी नरेन्द्र कुमार राउतकर द्वारा अगली किश्त जारी करने हेतु 01 लाख रूपए रिश्वत की मांग की गई थी। वहीं प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था इसलिए उसने एसीबी को इसकी शिकायत कर दी। शिकायत सत्यापन के पश्चात आज 12 सितम्बर को ट्रेप आयोजित कर आरोपी नरेन्द्र कुमार राउतकर को प्रार्थी से 1 लाख रूपए रू० रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
बता दें कि, उक्त आरोपी जनपद के अन्य ग्राम पंचायतों के सरपंचों से पूर्व में ही 1-1 लाख रूपए ले चुका था। सभी ग्रामों के सरपंच एकजुट होकर एसीबी में शिकायत किये थे जिस पर कार्यवाही की गई है। आरोपी के निवास स्थानों पर अनुपातहीन संपत्ति के संबंध में तलाशी की कार्यवाही भी एसीबी ने की थी, उक्त सहायक लेखाधिकारी को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की गई थी।