Big corruption in Amrit Sarovar Yojana 28 ponds worth 4 crores all dry children ride cycles chhattisgarh Deputy CM said action after investigation
बस्तर। दंतेवाड़ा जिले में राज्य के बजट और डीएमएफ ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदत्त राशि में भी बड़ी गड़बड़ी की जाती है। ऐसा इसलिये कहा जा सकता है क्योंकि यहां मनरेगा के तहत 28 तालाबों का निर्माण अब तक कराया गया है। इनमें से 90 फीसदी तालाबों में एक बूंद भी पानी नहीं है। आलम यह है कि अब इन तालाबों में बच्चे सायकल चला रहे हैं तो कहीं क्रिकेट खेल रहे हैं। आश्चर्य की बात यह कि इन 28 तालाबों के लिये 3 करोड़ 95 लाख रूपये खर्च किये जा चुके हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना की शुरूआत की थी। इस योजना का उद्देश्य तालाबों का निर्माण कर उनमें जल संचयन करना था ताकि यहां संचयित जल का सिंचाई व अन्य कार्यों के लिये उपयोग किया जा सके। दंतेवाड़ा में साल 2022 में ही अलग अलग ब्लाकों में बड़ी संख्या में मनरेगा के तहत तालाब निर्माण की स्वीकृति मिली। इसका निर्माण ग्राम पंचायतों द्वारा कराया गया।
बता दें कि, योजना के तहत जिले के सौ से अधिक स्वीकृत तालाबों में से अब तक केवल 28 तालाबों का निर्माण हुआ है। कई जगहों पर केवल गढ्ढों के आसपास मेड़़ बांधकर तालाब का नाम दे दिया गया है। इन तालाबों में न तो घाट निर्माण किया गया है और न ही गार्डनिंग की गयी है। इतना ही नहीं करीब 90 फीसदी सरोवरों में पानी नहीं है, जिससे योजना की गंभीरता और क्रियान्वयन पर सवाल खड़़े हो गए हैं। अमृत सरोवरों के नाम पर दंतेवाड़ा ब्लाक में 47 लाख 7 हजार 767 रूपए, गीदम ब्लाक में 1 करोड़ 22 लाख 24 हजार 633 रूपए, कटेकल्याण ब्लाक में 61 लाख 39 हजार 944 रूपए का खर्च बताया जा रहा है। इसमें कुआकोंडा ब्लाक में सर्वाधिक 1 करोड़ 64 लाख 63 हजार 447 रूपए फूंक दिये गए।
गौरतलब है कि, अमृत सरोवर के नाम पर गड़बड़ी करने की अफसरों को इतनी जल्दबाजी थी कि उन्होने 15 जून के बाद भी सरोवर निर्माण कराया, जबकि मनरेगा में 15 जून के बाद मिट्टी से संबंधित कार्यों पर विराम लग जाता है। जाँच में ये बात सामने आयी है कि गीदम ब्लाक के गुमड़ा में 29 जून को कार्य शुरू किया गया। गुमड़ा में अमृत सरोवर के लिये 19 लाख 96 हजार 571 रूपये खर्च किये गये हैं, इसके अलावा कार्य स्थल पर लगे बोर्ड में 15 वें वित्त से भी राशि खर्च करने का उल्लेख है।
समेली के पटेलपारा में भी दो सरोवरों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। जिसके लिये 15 लाख, 98 हजार, 544 रू और 16 लाख 85 हजार 805 रूपये खर्च किये जा चुके है। जिस तालाब में 16 लाख 85 हजार रूपये खर्च किये गये हैं, उस तालाब में बच्चे सायकल चलाते नजर आये, इसी तालाब की सबसे ज्यादा गहराई वाली जगह में कुछ बच्चे कंचे खेल रहे थे। दरअसल इस तालाब में पानी की जगह हवा और धूल मिट्टी ही है।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा से जब अमृत सरोवरों की स्थिति के बारे में चर्चा की गयी तो उन्होने कहा कि मुझे आपके माध्यम से इनकी स्थिति की जानकारी मिल रही है। ये योजना देश के प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। जिले में बनाये गये सभी सरोवरों की जांच करायी जायेगी, जांचोपरांत जो तथ्य सामने आयेंगे उसके आधार पर जिम्मेदारों पर निश्चित तौर पर कार्रवाई भी होगी।
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