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Big decision of High Court: DP Vipra College will get autonomous status, Atal University's appeal rejected
रायपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने डीपी विप्र कॉलेज को ऑटोनॉमस दर्जा दिए जाने का रास्ता पूरी तरह साफ कर दिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए सिंगल बेंच के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कॉलेज को यूजीसी के नियमानुसार ऑटोनॉमस दर्जा देना पूरी तरह वैध है।
यह मामला पिछले डेढ़ साल से न्यायालय में लंबित था। जनवरी 2023 में डीपी विप्र कॉलेज को नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (NAAC) से 'ए' ग्रेड प्राप्त हुआ, जिसके आधार पर कॉलेज ने यूजीसी में ऑटोनॉमस दर्जे के लिए आवेदन किया। 19 जनवरी 2024 को यूजीसी ने कॉलेज को शैक्षणिक सत्र 2024–25 से 2033–34 तक के लिए ऑटोनॉमस का दर्जा दे दिया।
हालांकि, अटल यूनिवर्सिटी ने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कॉलेज ने यूनिवर्सिटी की अनुमति के बिना यूजीसी को आवेदन भेजा और कई महत्वपूर्ण जानकारियां छिपाईं। यूनिवर्सिटी ने 9 जून 2023 को यूजीसी से कॉलेज को ऑटोनॉमस दर्जा न देने की अपील की थी और 20 फरवरी 2024 को कॉलेज को प्रचार न करने का निर्देश भी दिया।
इसके खिलाफ जुलाई 2024 में डीपी विप्र कॉलेज ने हाई कोर्ट की शरण ली। सिंगल बेंच ने कॉलेज के पक्ष में फैसला सुनाया और यूनिवर्सिटी को 30 दिनों में कॉलेज को ऑटोनॉमस दर्जा देने का आदेश दिया। यूनिवर्सिटी ने इस फैसले को डिवीजन बेंच में चुनौती दी, जो अब खारिज हो चुकी है।
कोर्ट ने माना कि डीपी विप्र कॉलेज शिक्षा के क्षेत्र में 1969 से उत्कृष्ट योगदान दे रहा है। कॉलेज को न केवल नैक से 'ए' ग्रेड मिला है, बल्कि यह ISO 9001:2015 प्रमाणित भी है। यूजीसी ने अदालत को बताया कि नियमानुसार अगर संबंधित यूनिवर्सिटी समय पर जवाब नहीं देती, तो यूजीसी को स्वतः ऑटोनॉमस दर्जा देने का अधिकार है।