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Big news: 10 Naxalites surrender before Chief Minister Mohan Yadav in Balaghat! Find out who these leaders were and what was the big deal?
भोपाल। मध्य प्रदेश के बालाघाट में एक बड़ी सफलता मिली, जब बालाघाट माओवादी आत्मसमर्पण अभियान के तहत भोरमदेव एरिया कमेटी से जुड़े 10 माओवादी मुख्यमंत्री मोहन यादव की मौजूदगी में आत्मसमर्पण के लिए सामने आए। इसमें दो सबसे कुख्यात नक्सली एमएमसी सचिव सुरेंद्र उर्फ कबीर और स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर राकेश ओडी उर्फ मनीष शामिल हैं, जिन पर 62-62 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
इन 10 माओवादियों पर मिलाकर 2 करोड़ 36 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह पूरा दल कई वर्षों से मध्यप्रदेश की सीमा में सक्रिय था। बताया गया कि माओवादियों ने ही एक वनरक्षक के माध्यम से पुलिस से संपर्क किया और आत्मसमर्पण की इच्छा जताई।
बालाघाट में मुख्यमंत्री मोहन यादव के सामने हथियार डालना माओवादियों की कमजोरी और सरकारी दबाव का संकेत माना जा रहा है। प्रदेश में चल रहे आक्रामक अभियान और लगातार बढ़ती सुरक्षा कार्रवाईयों के कारण माओवादी संगठन अब भीतर से टूटने लगे हैं।
इसके विपरीत महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के संयुक्त ट्राई एरिया में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है। राजनांदगांव, गोंदिया और बालाघाट की सीमाओं पर कुछ माओवादी अब भी सक्रिय हैं। एमएमसी जोन प्रभारी रामदेर का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
लगातार दबाव के बाद माओवादी अब दो धड़ों में बंट गए हैं। पहला, जो हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहा है। दूसरा, जो अब भी संघर्ष करने पर अडिग है।