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Big news: 5 tigers died mysteriously in Karnataka; Forest department created a stir, government ordered strict investigation
बेंगलुरु। कर्नाटक के चामराजनगर जिले के माले महादेश्वर हिल्स वन्यजीव अभयारण्य में एक ही दिन में पांच बाघों की संदिग्ध मौत ने पूरे वन्यजीव संरक्षण समुदाय में हड़कंप मचा दिया है। मरने वालों में एक मादा बाघिन और उसके चार शावक शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में इन बाघों की मौत की वजह जहर दिए जाने की आशंका जताई जा रही है।
यह चौंकाने वाली घटना बीते गुरुवार (26 जून) को सामने आई, जब वन विभाग के गश्ती दल ने हूग्याम वन क्षेत्र में बाघों के शव देखे। तत्काल ही इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई, जिसके बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। बताया जा रहा है कि मृत बाघिन की उम्र लगभग 8 साल थी और उसके शावक करीब 10 महीने के थे।
वन अधिकारियों द्वारा की गई प्रारंभिक जांच से पता चला है कि, बाघों के शवों के पास ही एक मृत गाय का अधखाया कंकाल मिला है। इसी आधार पर यह आशंका जताई जा रही है कि बाघिन ने संभवतः इस गाय का शिकार किया होगा, और गाय को पहले से ही जहर दिया गया था।
माना जा रहा है कि, जहरीला मांस खाने के बाद बाघिन और उसके शावकों की मौत हुई है। अधिकारियों का कहना है कि, या तो गाय को जंगल में छोड़ने से पहले ही जहर दे दिया गया था, या फिर मरी हुई गाय मिलने के बाद उस पर जहर छिड़क दिया गया था, जिसे खाने से बाघों की मौत हो गई।
कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने इस घटना को "बेहद दुखद और अस्वीकार्य" बताया है। उन्होंने तुरंत मामले की गंभीरता से जांच के आदेश दिए हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई है, जो इस मामले की गहन जांच कर रही है।
मंत्री ने कहा है कि, यदि यह मामला स्टाफ की लापरवाही का है, तो उन पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा, और यदि विषाक्तता या करंट लगने से मौत हुई है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जांच रिपोर्ट 3 दिनों के भीतर सौंपने का आदेश दिया गया है।
वन विभाग की टीम ने मृत बाघों से नमूने (सैंपल) लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। इन नमूनों में खून, टिशू और पेट के सैंपल शामिल हैं, जिनकी फोरेंसिक जांच से जहर के प्रकार और मौत के सही कारण का पता चल पाएगा। इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।
कर्नाटक भारत में बाघों की आबादी के मामले में दूसरे स्थान पर है, जहां 563 बाघ निवास करते हैं। राज्य के बांदीपुर, नागरहोले और बीआरटी टाइगर रिज़र्व जैसे इलाके बाघों के लिए सुरक्षित माने जाते हैं। ऐसे में एक ही दिन में पांच बाघों की मौत ने इन संरक्षित क्षेत्रों की निगरानी प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि जंगल में मानव दखल और अवैध गतिविधियों का भी संकेत देती है, जिससे वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को गहरा झटका लग सकता है। वन विभाग और सरकार इस मामले की तह तक जाने और दोषियों को सजा दिलाने का पूरा प्रयास कर रही है।