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Big news Administration's action on drug cultivation
रांची। झारखंड के चार जिलों रांची, खूंटी, सरायकेला-खरसावां और चाईबासा में पुलिस ने स्पेशल ऑपरेशन के दौरान करीब 125 करोड़ रुपए मूल्य की अफीम की खेती रौंद डाली है। 5 फरवरी से शुरू किए गए ऑपरेशन के दौरान अब तक इस अवैध धंधे में लिप्त 86 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की ओर से आधिकारिक तौर पर दिए गए आंकड़ों के अनुसार, इन चारों जिलों में अब तक कुल 9871 एकड़ इलाके में की गई अफीम की खेती का पता लगाकर उसे ट्रैक्टर और ग्रास कटर मशीन के जरिए नष्ट किया गया है।
बता दें कि, औसतन एक एकड़ के इलाके में पोस्ते की खेती से तीन से चार किलोग्राम अफीम बनाया जाता है और बाजार में एक किलोग्राम अफीम की कीमत चार से पांच लाख रुपए होती है। इस तरह इन इलाकों से करीब 125 करोड़ रुपए मूल्य का अफीम बाजार में पहुंचने से रोका गया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक ने अफीम की खेती के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ के तहत स्पेशल ड्राइव चलाने का निर्देश दिया है।
इन चारों जिलों के पुलिस अधीक्षकों के अलावा सभी अनुमंडलों में पदस्थापित एसडीपीओ और 11 डीएसपी को इस स्पेशल ड्राइव की कमान सौंपी गई है। उनके साथ थानों के पुलिस बल के अलावा 1500 अतिरिक्त बलों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इन चारों जिलों में खूंटी में सबसे बड़े पैमाने पर अफीम की खेती नष्ट की गई है। जिले के मुरूहु, अडकी, खूंटी, सायको एवं मारंगहादा थाना क्षेत्र में 6473 एकड़ में इसकी फसल नष्ट करने के साथ 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
रांची जिले में बुंडू, तमाड़, दशमफॉल, राहे, सोनाहातू और नामकुम थाना क्षेत्र में 2484 एकड़ इलाके में अफीम की खेती का पता लगाकर उसे नष्ट किया गया है और कुल 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसी तरह चाईबासा जिले के बंदगांव, टेबो, कराईकेला, टोकलो थाना क्षेत्र में 394 और सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई, ईचागढ़, चौका, खरसावां थाना क्षेत्र में 520 एकड़ में अफीम की फसल नष्ट करने के साथ 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अभियान के दौरान जगह-जगह सभाएं और बैठकें आयोजित कर आम नागरिकों को अफीम की खेती से होने वाले समाज पर दुष्प्रभाव और इस अवैध धंधे में अंतर्लिप्तता को लेकर कठोर कानूनी प्रावधानों के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। लोगों को बताया जा रहा है कि, अफीम की अवैध खेती में कठोर जुर्माने के साथ 20 वर्षों तक के कारावास की सजा का प्रावधान है। दक्षिण छोटानागपुर के पुलिस महानिरीक्षक अखिलेश झा ने बताया कि जिन लोगों की जमीन पर अफीम की खेती पाई गई है, उसे नष्ट करने में खर्च की गई राशि भी उन्हीं से वसूल की जाएगी। सुदूर जंगली इलाकों में अफीम की खेती का पता लगाने के लिए पुलिस सैटेलाइट इमेज का इस्तेमाल कर रही है।