Big news ChatGPT created fake Aadhaar and PAN cards created a stir
डिजिटल डेस्क। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित टेक्नोलॉजी, ChatGPT को लेकर एक नया और गंभीर मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने दावा किया है कि, ChatGPT की मदद से नकली आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाए जा रहे हैं। यह खुलासा देश की साइबर सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी के लिहाज़ से बेहद चिंताजनक माना जा रहा है।
ChatGPT की इमेज बनाने की काबिलियत का लोग गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। घिबली एनिमे स्टाइल वाली तस्वीरें बनाते-बनाते अब चैटजीपीटी की मदद से नकली आधार कार्ड भी बनाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया में ऐसे बहुत सारे पोस्ट वायरल हुए हैं, जिनमें लोगों ने नकली आधार कार्ड को शेयर किया है।
बता दें कि, यह चिंताजनक है, क्योंकि एआई का इस तरह से इस्तेमाल करने पर सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा हो सकती हैं। सोशल मीडिया में ऐसी तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें लोगों ने ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन और टेस्ला के मालिक एलन मस्क की आधार कार्ड वाली फोटो शेयर की है।
जब से चैटजीपीटी का फ्री इमेज टूल सभी यूजर्स के लिए आया है, लोग इसे काफी इस्तेमाल कर रहे हैं। खुद कंपनी ने यह बताया है कि भारत उसके सबसे बढ़ते बाजारों में से एक है। चैटजीपीटी का गलत इस्तेमाल यहीं तक सीमित नहीं है कुछ लोगों ने ड्राइविंग लाइसेंस और पैन कार्ड की इमेज भी शेयर की हैं। दावा है कि इन्हें एआई टूल की मदद से बनाया गया है।
आपको बता दें कि, बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर कुछ फेक आधार कार्ड और पैन कार्ड खूब वायरल होते दिखाई दे रहे है। इसमें दुनिया के जाने- माने बिजनेस मैन एलन मस्क, और सैम ऑल्टमैन के आधार कार्ड आदि शामिल है।
सोशल मीडिया में लोगों ने कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। दावा किया है कि, उन्होंने एआई टूल का इस्तेमाल करके नकली आधार और पैन कार्ड बनाए हैं। एक यूजर ने तो आर्यभट्ट का आधार और पैन कार्ड शेयर कर दिया है। कुछ यूजर्स ने सैम ऑल्टमैन और एलन मस्क का आधार कार्ड सोशल मीडिया में पोस्ट किया है।
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साइबर एक्सपर्ट्स का मानना है कि, अब समय आ गया है जब AI टूल्स पर कड़े रेगुलेशन लगाए जाएं। “जाली दस्तावेज बनाना जितना आसान होगा, उतना ही मुश्किल होगा असली- नकली में फर्क करना। AI टूल्स को कंट्रोल और मॉनिटर करने के लिए अब वैश्विक स्तर पर एक मजबूत नीति बनानी होगी।”
इसके आलावा एक न्यूज वेबसाइट ने दावा किया है कि, जब आधार कार्ड इमेज चैटजीपीटी से ट्राई की, तो वह बनकर तैयार हो गई। सोशल मीडिया पर भी ऐसी तमाम इमेज शेयर की जा रही हैं, जिनमें लोगों ने अपने आईडी कार्ड एआई टूल्स के जरिए बनाने का दावा किया है।
चिंता इस बात की है कि, आधार कार्ड को तो ट्रैक किया जा सकता है। चेहरे के डेटा के बैक-एंड सिस्टम से क्रॉस चेक कर सकते हैं, लेकिन पैन कार्ड और डीएल के मामले में सरकारी आईडी की जांच मुश्किल हो सकती है। ऐसे में इसका गलत इस्तेमाल सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा सकता है।
1 – आधार नंबर का दुरुपयोग- आधार नंबर का इस्तेमाल करके फर्जी KYC किया जा सकता है। फर्जी बैंक खाते खोलने या लोन लेने के लिए इसका इस्तेमाल हो सकता है।
2- फेक आईडी बनाना:- आधार कार्ड की क्लोनिंग करके अपराधी फर्जी आईडी प्रूफ बना सकते हैं। इसे सिम कार्ड, बैंक अकाउंट, और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
3- सिम स्वैप फ्रॉड:- आधार नंबर और नाम का इस्तेमाल करके सिम स्वैप फ्रॉड किया जा सकता है। अगर अपराधी मोबाइल नंबर चुरा लें, तो बैंक OTP भी एक्सेस कर सकते हैं।
4- डार्क वेब पर डाटा बेचना:- अपराधी आधार कार्ड की जानकारी डार्क वेब पर बेच सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, कुछ दिन पहले सोशल मीडिया एक्स पर AI Grok लॉन्च किया गया। जिसके बाद लोगों ने AI Grok से खूब सवाल पूछे और ग्रोक ने मजेदार व गाली की भाषा में जवाब दिए। इसके बाद सरकार के निशाने पर आया और नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा गया है।
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