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CLAT 2025: Objections to 5 questions rise to 14, 12 petitions filed across the country
नई दिल्ली। देश भर के 25 विधि विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए पिछले साल दिसंबर में आयोजित कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT 2025) की आंसर की को अदालत में चुनौती दी गई है। इस मामले को लेकर देशभर में दायर 12 याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट सुनवाई करेगा।
बता दें कि, इस परीक्षा में शुरू में पांच प्रश्न जांच के दायरे में थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 14 हो गई है। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने दो प्रश्नों में बदलाव का आदेश दिया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि तीन अतिरिक्त प्रश्नों में भी बदलाव किए जाने की संभावना है। अगर ये बदलाव होते हैं, तो इससे क्लैट के नतीजों में काफी बदलाव आएगा। इस बीच, प्रवेश प्रक्रिया अब से महज ढाई महीने बाद जुलाई में शुरू होने वाली है।
कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज ने आंसर की जारी होने के बाद नतीजों की घोषणा की थी। हालांकि, इससे पहले ही छात्रों ने आंसर की पर आपत्ति जताई थी। जब उनकी सवाल का समाधान नहीं हुआ तो उन्होंने देश भर की अदालतों में याचिकाएं दायर कीं।
आदित्य नामक छात्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल पीठ के समक्ष पांच प्रश्नों को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने निर्देश दिया था कि 20 दिसंबर 2024 तक दो प्रश्नों के संशोधित उत्तरों के साथ परिणाम घोषित किए जाएं; हालांकि, परिणामों में कोई संशोधन नहीं किया गया। मामला अब दिल्ली उच्च न्यायालय की डबल बेंच को सौंप दिया गया है, जो सुनवाई करेगी। अधिवक्ता अरिजीत गौर और धनेश छात्रों का प्रतिनिधित्व करेंगे, जबकि राजशेखर राव संघ की ओर से पैरवी करेंगे। वर्तमान में 14 प्रश्न जांच के दायरे में हैं।