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CJI Surya Kant makes a significant statement saying No one can intimidate me He expressed concern over the narrative being created based on the judges comments in court
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सीजेआई सूर्यकांत ने अदालतों में लंबित मामलों की सुनवाई के दौरान जजों की टिप्पणियों को लेकर सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर बनाए जा रहे नैरेटिव पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। पूर्व सांसद प्रज्जवल रेवन्ना की याचिका पर सुनवाई के दौरान उन्होंने स्पष्ट कहा, “कोई यह न सोचे कि वे मुझे डरा या धमका सकते हैं…मैं बहुत मजबूत आदमी हूं।”सीजेआई की यह टिप्पणी उन पूर्व जजों और वकीलों के ओपन लेटर के संदर्भ में देखी जा रही है, जिसमें रोहिंग्याओं पर उनके एक बयान को लेकर आपत्ति जताई गई थी।
जजों की टिप्पणियों पर नैरेटिव बनाने पर नाराजगी
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि अक्सर लोग अदालत की प्रक्रिया को समझे बिना जजों के सवालों और टिप्पणियों का गलत अर्थ निकालकर नैरेटिव बनाने लगते हैं, जबकि ये सवाल दोनों पक्षों की दलीलों की मजबूती परखने के लिए होते हैं, न कि कोर्ट के अंतिम निर्णय का संकेत। उन्होंने कहा, “जज के सवाल कोर्ट के अंतिम दृष्टिकोण को नहीं दर्शाते। लेकिन लोग इसे समझे बिना नतीजे निकालने लगते हैं।”
प्रज्जवल रेवन्ना के मामले में सुनवाई
पूर्व सांसद प्रज्जवल रेवन्ना ने अपने खिलाफ चल रहे रेप केस के ट्रायल्स को ट्रांसफर करने की मांग की थी। उनके वकील सिद्धार्थ लूथरा और सिद्धार्थ दवे ने कहा कि ट्रायल के दौरान जजों ने कुछ ऐसी टिप्पणियां कीं जो न्यायिक निष्पक्षता पर सवाल उठाती हैं। उनका तर्क था कि इन टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटाया जाए और ट्रायल कहीं और ट्रांसफर किया जाए।
बेंच ने कहा, जज की टिप्पणी पक्षपात का आधार नहीं
सीजेआई सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने साफ कहा कि, अदालत को जज की निष्पक्षता पर संदेह करने का कोई कारण नहीं, जज ट्रायल में केवल सबूतों के आधार पर निर्णय देंगे टिप्पणियां प्रक्रिया का हिस्सा होती हैं, न कि पक्षपात का संकेत है। जस्टिस बागची ने कहा, “जज की टिप्पणियां पक्षपात का आधार नहीं हो सकतीं।”
सोशल मीडिया के दबाव को नकारा
सीजेआई सूर्यकांत ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी तरह के बाहरी दबाव, आलोचना या सोशल मीडिया कैंपेन से प्रभावित नहीं होते। उन्होंने कहा,“अगर कोई सोचता है कि वह मुझे धमका सकता है या डराकर प्रभावित कर सकता है, तो वह गलत है।”