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Big news: 'Ghostly' diesel in CM's convoy; vehicles stopped while moving, petrol pump was closed
रतलाम। मध्यप्रदेश से आई इस खबर ने प्रशासन और आम आदमी दोनों को चौंका दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के काफिले में शामिल लगभग 19 गाड़ियां अचानक रास्ते में बंद हो गईं। यह घटना तब हुई जब ये वाहन रीजनल इंडस्ट्री समिट में भाग लेने इंदौर से रतलाम की ओर जा रहे थे। रास्ते में सभी गाड़ियों में डीजल भरवाया गया था और उसके कुछ ही समय बाद सभी वाहन एक-एक कर बंद होने लगे। जिसके बाद इस घटना से प्रशासन में हड़कंप मच गया।
प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ कि, गाड़ियों के डीजल टैंक में पानी मिला हुआ था, जिससे इंजन ने काम करना बंद कर दिया। इस घटना ने तत्काल ही प्रशासन में हड़कंप मचा दिया, क्योंकि यह सीधे तौर पर मुख्यमंत्री की सुरक्षा और कार्यक्रम से जुड़ा मामला था।

मामले की गंभीरता को देखते हुए, वरिष्ठ अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी। सभी प्रभावित गाड़ियों को डोसीगांव स्थित उसी पेट्रोल पंप पर वापस ले जाया गया, जहां डीजल की गुणवत्ता की जांच की गई। जांच में साफ तौर पर डीजल में पानी मिला हुआ पाया गया। इस खुलासे के बाद, राजस्व विभाग और खाद्य एवं औषधि विभाग की एक संयुक्त टीम ने तत्काल पेट्रोल पंप का पंचनामा तैयार किया। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अधिकारियों को भी बुलाया गया, जांच पूरी होने के बाद, प्रशासन ने डोसीगांव स्थित इस पेट्रोल पंप को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया है, और इस मामले में आगे भी जांच जारी है।
पेट्रोल पंप मैनेजर ने बयान दिया है कि, हो सकता है कि हाल की बारिश के कारण टैंक में पानी घुस गया हो। हालांकि, प्रशासन इस बात की गहन जांच कर रहा है कि, यह सिर्फ एक दुर्घटना है या जानबूझकर की गई मिलावट। नायब तहसीलदार आशीष उपाध्याय ने बताया कि, प्रारंभिक रूप से पानी का रिसाव संभावित लग रहा है, लेकिन जांच पूरी होने पर ही सच्चाई सामने आएगी। विभाग ने पंप को सील कर दिया है और एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में कोई बाधा न आए, इसके लिए रातोंरात इंदौर से नए वाहन बुलाए गए। लेकिन इस घटना ने प्रशासन की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। सबसे बड़ा सवाल जो अब उठ रहा है वह यह है कि, अगर मुख्यमंत्री के काफिले के वाहन भी मिलावटी डीजल से नहीं बच सके, तो आम नागरिकों को मिलने वाले ईंधन की गुणवत्ता कितनी सुरक्षित है? यह घटना न केवल प्रशासन को सतर्क कर गई है, बल्कि आम जनता में भी ईंधन की गुणवत्ता को लेकर चिंता बढ़ा दी है।