Big news These 6 sites of India are included in the list of UNESCO World Heritage
रायपुर। देश के केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज सोमवार को लोकसभा में बताया कि, यूनेस्को ने विश्व धरोहर केंद्रों की भारत की अस्थायी सूची में छह स्थलों को शामिल किया है। जिन स्थलों को सूची में जगह दी गई है, उनमें तेलंगाना के मुदुमल मेगालिथिक मेनहिर, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलों के समय के महल किले आदि शामिल हैं। लोकसभा में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि, छत्तीसगढ़ में कांगेर घाटी नेशनल पार्क, मौर्य रूट पर पड़ने वाले अशोक शिलालेख, चौसठ योगिनी मंदिर और उत्तर भारत के गुप्त कालीन मंदिर स्थल भी इस सूची में शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, लोकसभा में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने छत्तीसगढ़ के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान (कांगेर वैली नेशनल पार्क) को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल करने के लिए इस साल प्रस्ताव भेजे जाने की जानकारी दी, यह घोषणा उस समय हुई जब बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने ओडिशा की जगन्नाथ यात्रा को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल करने की मांग की। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि, इस साल भारत ने 6 स्थलों के नाम यूनेस्को को भेजे हैं, जिनमें कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान भी शामिल है। हाल ही में, कांगेर घाटी को यूनेस्को की ‘टेंटेटिव लिस्ट’ में भी स्थान दिया गया है, जिससे इसे वर्ल्ड हेरिटेज साइट बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
आपको बता दें कि, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित है और यह अपनी जैव विविधता, घने जंगलों और अद्भुत गुफाओं के लिए फेमस है। इस उद्यान का नाम यहां बहने वाली कांगेर नदी से लिया गया है। यह लगभग 200 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और 1982 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला। यह क्षेत्र साल, सागौन और बांस के वृक्षों से आच्छादित है और यहां 555 से अधिक शाकाहारी प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से 45 दुर्लभ हैं।
पर्यटन के लिहाज से भी कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान बेहद महत्वपूर्ण है। यहां की कुटुम्बसर, कैलाश और डंडक गुफाएं भूवैज्ञानिक संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध हैं, जबकि तीरथगढ़ जलप्रपात, कांगेर धारा और भैंसा दरहा जैसे स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यह क्षेत्र न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है बल्कि संरक्षण और अनुसंधान के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। अगर कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में अंतिम रूप से स्थान मिल जाता है, तो इससे क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और संरक्षण के प्रयासों को और मजबूती मिलेगी. इसके साथ ही, यह छत्तीसगढ़ को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाएगा।
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