ताजा खबर

बड़ी खबर: चंद्रयान-5 मिशन को केंद्र सरकार से मंजूरी; ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने दी जानकारी

By: आशीष कुमार
New Delhi
3/17/2025, 8:07:55 PM
image

Chandrayaan 5 mission

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को केंद्र सरकार ने चंद्रयान-5 मिशन के लिए मंजूरी दे दी है। इस मिशन में जापान भारत का सहयोगी होगा और यह चंद्रमा की सतह पर रिसर्च के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा। इस मिशन के तहत 250 किलोग्राम वजनी रोवर चांद की सतह पर भेजा जाएगा, जो कि चंद्रयान-3 के मुकाबले दस गुना अधिक वजनी होगा।

ISRO प्रमुख ने दी जानकारी

ISRO प्रमुख वी नारायणन ने बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में जानकारी देते हुए कहा कि चंद्रयान-5 मिशन को तीन दिन पहले ही केंद्र सरकार की मंजूरी मिली है। यह मिशन चंद्रमा की सतह पर गहन अध्ययन करने के लिए उन्नत वैज्ञानिक उपकरणों से लैस होगा।

चंद्रयान-5 मिशन को केंद्र सरकार की मिली मंजूरी : ISRO प्रमुख वी. नारायणन

जानिए क्या है मिशन की विशेषताएं

250 किलोग्राम का रोवर: चंद्रयान-5 मिशन में भेजे जाने वाला रोवर पहले के मुकाबले कहीं अधिक वजनी और शक्तिशाली होगा।

इस मिशन में जापान तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।

चंद्रमा की सतह की संरचना, खनिज और वातावरण का अध्ययन किया जाएगा।

चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर ने 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी।

चांद से नमूने लाने की योजना

ISRO की भविष्य की योजनाओं में चंद्रयान-4 मिशन भी प्रमुख भूमिका निभाएगा, जिसे 2027 में लॉन्च किया जाना है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की मिट्टी और चट्टानों के नमूने इकट्ठा कर उन्हें धरती पर लाना है। इस मिशन को सितंबर 2024 में सरकार से मंजूरी मिली थी। मिशन की कुल लागत 2104 करोड़ रुपए होगी। इसमें 5 अलग-अलग मॉड्यूल शामिल होंगे। दो अलग-अलग रॉकेट (LVM-3 और PSLV) का उपयोग किया जाएगा। चांद की सतह से नमूने लाकर वैज्ञानिक अध्ययन किया जाएगा।

जानिए कैसे काम करेगा मिशन

स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा की कक्षा में पहुंचेगा।

मुख्य स्पेसक्राफ्ट से दो मॉड्यूल अलग होकर सतह पर उतरेंगे।

ये मॉड्यूल चांद की सतह से मिट्टी और चट्टानों के नमूने इकट्ठा करेंगे।

एक मॉड्यूल चांद की सतह से उड़ान भरकर मुख्य स्पेसक्राफ्ट से जुड़ जाएगा।

सैंपल को री-एंट्री मॉड्यूल में ट्रांसफर कर धरती पर वापस लाया जाएगा।

ISRO वैज्ञानिक चांद की सतह से नमूने एकत्र करने वाली तकनीकों पर भी काम कर रहे हैं, जिसमें रोबोटिक सिस्टम, ड्रिलिंग तकनीक और सैंपल होल्डिंग कंटेनर शामिल हैं।

भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशन

ISRO न केवल चंद्रमा बल्कि अन्य अंतरिक्ष परियोजनाओं पर भी तेजी से काम कर रहा है।

गगनयान मिशन (2025): भारत अपने पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के तहत तीन एस्ट्रोनॉट्स को पृथ्वी की 400 किलोमीटर ऊँचाई पर तीन दिन के मिशन पर भेजेगा।

भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (2028): भारत 2028 तक अपना खुद का स्पेस स्टेशन स्थापित करेगा, जिसमें पांच अलग-अलग मॉड्यूल होंगे।

इंसानों को चांद पर भेजने की योजना (2040): ISRO 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजने की योजना पर काम कर रहा है।

वीनस ऑर्बिटर मिशन (VOM – 2028): 1236 करोड़ रुपए की लागत से वीनस (शुक्र ग्रह) का अध्ययन करने के लिए एक मिशन लॉन्च किया जाएगा।

image

अन्य समाचार

संपादकों की पसंद

सुर्खियों से परे, सच्चाई तक: ऐप डाउनलोड करें, खबरों का असली चेहरा देखें।

logo

टैग क्लाउड

logo
  • Contact Details Operator
  • Shubham Shekhar, Executive Editor
  • 412, Wallfort Ozone Fafadih, Raipur, C.G.
  • +919630431501
  • contact@inkquest.in

Copyright © 2025 rights reserved by Inkquest Media