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Bihar Elections 2025: RSS plays a key role in BJP's victory, Dharmendra Pradhan becomes master strategist
नई दिल्ली। बिहार चुनाव में भाजपा की जीत के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का मजबूत जमीनी नेटवर्क भी एक महत्वपूर्ण कारण रहा। आचार संहिता लागू होने के बाद 10 अक्टूबर से लेकर प्रचार खत्म होने के एक दिन पहले तक संघ ने लोकमत जागरण और लोकमत परिष्कार जैसे कार्यक्रम लगातार चलाए।बिहार में RSS की 2210 शाखाएँ और 815 साप्ताहिक मिलन केंद्र सक्रिय हैं। संघ के आनुषंगिक संगठनों विद्यार्थी परिषद, विद्याभारती और सेवा भारती ने समाज के हर वर्ग तक पहुँच सुनिश्चित की।
युवा, महिलाएँ और स्लम क्षेत्रों में विशेष कैंपेन
विद्यार्थी परिषद ने युवा और पहली बार वोट करने वाले मतदाताओं तक पहुँच बनाई। सेवा भारती ने स्लम और मलिन बस्तियों में मतदाताओं को जागरूक किया। विद्याभारती ने महिला मतदाताओं से संपर्क कर मतदान प्रतिशत बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। क्षेत्र प्रचार प्रमुख राजेश पांडे के अनुसार, लोकमत जागरण के माध्यम से स्वयंसेवकों ने लोगों को मतदान के प्रति प्रेरित किया, जबकि लोकमत परिष्कार के जरिए विकास और समग्र समाज सुधार के मुद्दों पर चर्चा की गई।
धर्मेंद्र प्रधान: भाजपा के विश्वसनीय चुनाव रणनीतिकार
भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने इस चुनाव में गठबंधन को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई। कठिन चुनौती होने के बावजूद उन्होंने न सिर्फ नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच तालमेल बनवाया, बल्कि दोनों दलों के वोटों का पारस्परिक ट्रांसफर भी सुनिश्चित किया। चिराग को अधिक सीटें मिलने के कारण जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा नाखुश थे, लेकिन प्रधान ने उन्हें भी साध लिया। पहली बार जदयू को सीटों पर बराबरी की साझेदारी के लिए राजी करना उनकी बड़ी उपलब्धि रही।
नैरेटिव को संभालने में भी सफल
भाजपा नेताओं के अनुसार प्रधान ने यह नैरेटिव फैलने नहीं दिया कि चुनाव के बाद भाजपा नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी। इससे गठबंधन के भीतर स्थिरता बनी रही।