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Bookies of Mahadev Book are given the target of increasing the account group, 20 percent of the transaction is given as commission
भिलाई: महादेव बुक सट्टेबाजी एप के संचालकों ने अब राज्य के सटोरियों को ऑनलाइन बेटिंग एप के पैनल (ब्रांच) देना बंद कर दिया है। इसके बजाय, अब पैनल संचालकों को अकाउंट ग्रुप से जोड़कर सट्टेबाजी के लेनदेन के लिए बैंक खातों की व्यवस्था करने का काम सौंपा गया है। जानकारी के मुताबिक, इन खातों से सट्टा की रकम महादेव बुक के प्रमोटरों तक पहुंचाई जाती है। इस नए सिस्टम के तहत, राज्य भर में दर्ज हुए सट्टेबाजी मामलों में अब दूसरे लोगों के नाम पर खोले गए खातों में करोड़ों रुपये का लेनदेन हो रहा है।
महादेव बुक एप के शुरू होने के बाद, शहर भर में सैकड़ों लोग इससे जुड़ गए थे। कई पैनल संचालकों ने सट्टा खेलाने का काम किया और करोड़ों रुपये की काली कमाई की। इस नेटवर्क में शामिल लोगों के खिलाफ पुलिस ने 300 से ज्यादा गिरफ्तारियां भी की थीं, लेकिन अब भी यह अवैध कारोबार जारी है।
नए सिस्टम में अकाउंट ग्रुप का अहम रोल
सूत्रों के अनुसार, महादेव बुक के प्रमोटरों ने भिलाई, दुर्ग समेत प्रदेश के अन्य हिस्सों में ब्रांच (पैनल) देना कम कर दिया है और अब केवल कुछ चुनिंदा लोगों को ही पैनल दिया जा रहा है। जिन लोगों ने पहले महादेव बुक से जुड़कर लाखों और करोड़ों रुपये कमाए थे, अब वे अकाउंट ग्रुप के लिए काम कर रहे हैं। ये अकाउंट ग्रुप के लोग बड़े ट्रांजेक्शन के लिए खातों की व्यवस्था करते हैं, जिनमें सट्टेबाजी के रुपयों का लेन-देन किया जाता है।
20 प्रतिशत कमीशन पर काम कर रहे अकाउंट ग्रुप
महादेव बुक के अकाउंट ग्रुप के लोग ट्रांजेक्शन के लिए चालू और कॉर्पोरेट खातों का इस्तेमाल करते हैं। इन खातों के माध्यम से सट्टे की रकम को महादेव बुक के प्रमोटरों तक भेजा जाता है। इन लेनदेन पर अकाउंट ग्रुप को 20 प्रतिशत कमीशन मिलता है। बड़ी मात्रा में ट्रांजेक्शन होने के कारण, इन ग्रुप के लोग खासतौर पर बड़े कारोबारियों और चालू खातों का इस्तेमाल करते हैं।
महादेव बुक के नेटवर्क में यह बदलाव सट्टेबाजी की प्रक्रिया को और भी गुप्त और जटिल बना रहा है, जबकि पुलिस और प्रशासन द्वारा इस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।