CG News: Naxalites' urban network destroyed, Naxal leader Prabhakar's close aide arrested
रायपुर। बीते शनिवार को पुलिस ने कई नक्सली वारदातों में शामिल दो लोगों को उस समय गिरफ्तार किया जब वे बोलेरो गाड़ी में सवार होकर कांकेर की ओर जा रहे थे। ये लोग हाल ही में पकड़े गए प्रमुख नक्सली नेताओं प्रभाकर और राजे के साथी थे। इनमें से रमेश पर नक्सली नेता प्रभाकर और उसकी पत्नी को एक घर में पनाह देने का आरोप है।
अप्रैल 2024 में पुलिस के बढ़ते दबाव और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण रमेश ने लाजिस्टिक सप्लाई तथा मोपोस टीम इंचार्ज नक्सली कमांडर प्रभाकर राव को उसकी पत्नी और डीवीसी रैंक के एक वरिष्ठ नक्सली कैडर राजे कांगे के साथ दुर्गकोंदल से सटे खूटगांव में बिजली ऑफिस के पास एक घर में 15 दिनों तक छिपाए रखा। उसने यह सुनिश्चित किया कि किसी को उनकी मौजूदगी का शक न हो। रमेश ने उन्हें बोलेरो और मोटरसाइकिल से कांकेर से कोंडागांव तक बोलेरो में ले जाया। 19 दिसंबर को राजनांदगांव में इलाज करवाकर लौटते समय पुलिस ने अंतागढ़ में बस से उतरते ही प्रभाकर को पकड़ लिया। इसके बाद रमेश और चिंटू ने राज को श्याम नाथ उसेंडी तक पहुंचाने में मदद की, जो प्रभाकर का पूर्व गनमैन था और कोयलीबेड़ा के कौड़ोसाल्हेभाट के पास जंगल में छिपा हुआ था। 12 जनवरी को राज और गनमैन दोनों को पकड़ लिया गया।
बीते शनिवार को कांकेर पुलिस को सूचना मिली कि दो प्रमुख सक्रिय नक्सली सहयोगी दुर्गुकोंदल से कांकेर की ओर बोलेरो में यात्रा कर रहे हैं। पुलिस सतर्क हो गई और उन्हें पकड़ने की रणनीति बनाई। शहरी क्षेत्र में भानुप्रतापपुर से कांकेर के माकड़ी तक एक नेटवर्क स्थापित किया गया था, जिसमें उन्हें घेरने के लिए विभिन्न स्थानों पर पुलिस तैनात की गई थी। भानुप्रतापपुर, कोर्रा पुलिस स्टेशन और माकड़ी चौराहे पर चेकपॉइंट बनाए गए थे। बोलेरो वाहन को भानुप्रतापपुर और कोर्रा से आगे जाने दिया गया। इसके बाद, पुलिस ने यह सुनिश्चित करते हुए उसका पीछा किया कि बोलेरो में बैठे माओवादी सहयोगी उनकी मौजूदगी से अनजान रहें। शनिवार, 5 अप्रैल की शाम को जब बोलेरो माकड़ी के पास पहुंची, तो पुलिस ने वाहन को घेरने और रोकने का सुरक्षित मौका पाकर दोनों व्यक्तियों को पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान, उन्होंने खुद को 55 वर्षीय रमेश कुमेटी और 36 वर्षीय चिंटू ताम्रकार के रूप में पहचाना।
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