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CG News: New logistics policy and redevelopment plans approved in the cabinet meeting, only these provisions were kept
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के महानदी भवन में बीते सोमवार को साय कैबिनेट की अहम् बैठक हुई। जिसमें प्रदेश के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिनका सीधा असर प्रदेश के विकास और रोजगार पर पड़ेगा। इनमें नई लॉजिस्टिक पॉलिसी को मंजूरी, निजी लॉजिस्टिक पार्कों को प्रोत्साहन और विभिन्न शहरों में सरकारी जमीन के रीडेवलपमेंट की योजनाएं शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ में अब दिल्ली-मुंबई की तर्ज पर लॉजिस्टिक हब, लॉजिस्टिक पार्क, ड्राई पोर्ट, एयर कार्गो टर्मिनल और गति शक्ति कार्गो टर्मिनल बनाने पर 140 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। यह फैसला ई-कॉमर्स और निजी लॉजिस्टिक्स कंपनियों को लुभाने और प्रदेश में निवेश व रोजगार बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है। पहले औद्योगिक विकास नीति में लॉजिस्टिक हब के लिए कोई अलग प्रावधान नहीं था।
न्यूनतम 5 एकड़ भूमि पर विकसित लॉजिस्टिक हब (भूमि को छोड़कर सड़क, रेल, वायु से संबंधित अधोसंरचना, बिजली, वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज) के लिए 40% या अधिकतम 140 करोड़ रुपये का अनुदान।
स्टांप शुल्क में पूरी छूट, भूमि के पंजीकरण शुल्क में 50% की प्रतिपूर्ति और भू-पुनर्निर्धारण कर में 100% की छूट।
बस्तर और सरगुजा संभाग में लॉजिस्टिक पार्क या हब की स्थापना पर 10% अतिरिक्त अनुदान।
राज्य में पहली बार निजी लॉजिस्टिक पार्कों की स्थापना को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कम से कम 15 एकड़ भूमि पर निजी लॉजिस्टिक पार्क स्थापित करने पर भूमि की कीमत को छोड़कर निर्माण के लिए 40% अनुदान या 25 लाख रुपये प्रति एकड़ (जो भी न्यूनतम हो) दिया जाएगा।
एप्रोच रोड, विद्युत लाइन, पानी की पाइपलाइन जैसी बाहरी अधोसंरचना पर किए गए खर्च पर 50% की दर से अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक मिलेंगे।
स्टांप शुल्क से पूरी छूट, भूमि के पंजीकरण शुल्क में 50% और डायवर्सन शुल्क में 100% की छूट।
ड्राई पोर्ट, एयर कार्गो और गति शक्ति कार्गो टर्मिनल बनाने के लिए भूमि की कीमत को छोड़कर 40% अनुदान मिलेगा।
यह कदम लॉजिस्टिक में लगने वाली लागत को कम करेगा, जिससे व्यापार, निवेश और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
कैबिनेट ने राज्य के विभिन्न विभागों, निगमों, मंडलों, कंपनियों और बोर्डों के पूर्व-निर्मित और जर्जर भवनों तथा अनुपयोगी शासकीय भूमि के व्यवस्थित विकास और सदुपयोग के लिए रीडेवलपमेंट योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत 7 योजनाओं को स्वीकृति मिली है:
रायपुर: शांति नगर और बीटीआई शंकर नगर
राजनांदगांव: कैलाश नगर
जगदलपुर: चांदनी चौक फेस-2
कांकेर: सिविल लाइन
महासमुंद: क्लब पारा
कोरबा: कटघोरा
डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि, कैबिनेट ने पेंशन भुगतान संबंधी दायित्वों के बेहतर वित्तीय प्रबंधन के लिए छत्तीसगढ़ पेंशन फंड का गठन किया है। इसके अतिरिक्त राज्य के कुछ कानूनों के प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण करने के लिए छत्तीसगढ़ जन विश्वास विधेयक प्रारूप को मंजूरी दी गई है। इससे व्यवसाय और जीवनयापन में सहजता बढ़ेगी और अनावश्यक अदालती मामलों में कमी आएगी।
वाणिज्यिक कर उच्च श्रेणी पंजीयन लिपिक से उप पंजीयक पद पर केवल एक बार के लिए पदोन्नति में 5 साल की जगह 2 साल की न्यूनतम सेवा तय की गई है। धान उगाने वाले किसानों को दूसरी फसलों की ओर आकर्षित करने के लिए अब दलहन, तिलहन, मक्का आदि फसल लगाने वाले किसानों को भी कृषक उन्नति योजना का लाभ दिया जाएगा। 2024 में धान लगाने वाले पंजीकृत किसान जो इस खरीफ सीजन में इन फसलों की खेती कर रहे हैं, उन्हें आदान सहायता राशि मिलेगी। ये सभी फैसले छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास को गति देने और आम जनता के लिए सहूलियतें बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।