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CG News: With the initiative of Child Commission, Pardhi families of Risewada got legal rights
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पहल के बाद उत्तर बस्तर कांकेर जिले के ग्राम रिसेवाड़ा में रहने वाले पारधी जनजाति के परिवारों को उनका कानूनी हक मिला है। आयोग ने एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर और एक समिति द्वारा दिए गए आवेदन का संज्ञान लेते हुए इन परिवारों को कानूनी सुविधाएं दिलवाने की पहल की थी।
रिसेवाड़ा के इन परिवारों के पास वोटर आईडी, आधार कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेज नहीं थे, जिससे वे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे थे। आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर को एक टीम गठित कर इन परिवारों तक पहुंचने और उन्हें सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
इस निर्देश के बाद, जिला प्रशासन ने 06 पारधी परिवारों के कुल 34 सदस्यों का सर्वेक्षण किया। इनमें से एक परिवार को छोड़कर बाकी सभी के वोटर आईडी, आयुष्मान कार्ड और राशन कार्ड बनवा दिए गए हैं। एक परिवार के दस्तावेज पूरे होते ही उनके भी जरूरी दस्तावेज बनवाए जा रहे हैं।
आयोग ने अपनी कार्यवाही यहीं समाप्त नहीं की है। आयोग ने 11 सितंबर 2025 को अगली सुनवाई तय की है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी परिवारों को सभी सुविधाएं मिल चुकी हैं। इसके अलावा, आयोग ने वन विभाग के अधिकारियों को भी बुलाया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वन क्षेत्र में रह रहे इन परिवारों के लिए वन विभाग ने क्या कदम उठाए हैं।
आयोग ने केवल ढाई महीने में इस पूरी कार्यवाही को लगातार मॉनिटर कर पूरा करवाया है। आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा पूरे प्रदेश में ऐसे परिवारों की पहचान करने के लिए वन विभाग को पत्र भी लिख रही हैं ताकि उन्हें भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।