CG Underground Sewage project Simplex terminates the company that once made Bilaspur Khodapur 30 crore bank guarantee seized
बिलासपुर। लेटलतीफ और काम में लापरवाही करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ बिलासपुर नगर निगम और स्मार्ट सिटी ने बड़ा एक्शन लिया है। अलग-अलग मामलों में ब्लैक लिस्टिंग,पेनाल्टी और बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है।
पहला मामला स्मार्ट सिटी परियोजना का है जिसमें राजीव गांधी चौक से तैयबा चौक तक स्टार्म वाटर ड्रेन और दिव्यांग फ्रेंडली फूटपाथ का निर्माण किया गया है। इस कार्य का ठेका कमल सिंह ठाकुर को मिला था। शर्तों के अनुसार कार्य के लिए एपीएस और पीवीजी के मूल एफडीआर जमा करना था पर उसके स्थान पर डुप्लीकेट फोटोकापी ठेकेदार द्वारा जमा किया गया था, जांच में यह बात सिद्ध हुआ।
स्मार्ट सिटी प्रबंधन द्वारा जांच में यह तथ्य पाए जाने पर पूर्व में ही ठेकेदार के भुगतान से 16 लाख 50 हजार रूपये पेनाल्टी के रूप में काटा गया था और कार्य के आरएफपी में उल्लिखित कंडिका के अनुसार दोषी पाए जाने पर आज ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करते हुए आगामी पांच साल के लिए सभी प्रकार की निविदाओं में भाग लेने के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
दूसरा मामला अरपा उत्थान एवं तट संवर्धन प्रोजेक्ट का है, जिसमें इंदिरा सेतु से शनिचरी रपटा तक नदी की दोनों ओर नाला, सड़क और सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को गणपति इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में नदी की दांयी ओर इंदिरा सेतु से पुराना पुल तक बस प्रथम चरण को पूर्ण किया गया है। ठेका कंपनी को शेष कार्य तीव्र गति से पूर्ण करने के निर्देश देने के बावजूद कार्य धीमी गति से संचालित किया जा रहा है,कार्य में प्रगति नहीं लाने पर एमडी अमित कुमार के निर्देश पर ठेका कंपनी गणपति इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 37 लाख 50 हजार रूपये का अर्थदंड लगाया गया है।
अंडरग्राउंड सीवेज प्रोजेक्ट का कार्य करने वाली सिंप्लेक्स कंपनी को कार्य में प्रगति लाने कई बार नोटिस जारी किया गया लेकिन संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर 10 फरवरी को अंतिम नोटिस जारी किया गया था। नोटिस का किसी भी प्रकार का जवाब नहीं मिलने पर निगम कमिश्नर के निर्देश पर सिंप्लेक्स कंपनी को बर्खास्त करते हुए कंपनी के बैंक गारंटी और सिक्योरिटी डिपाॅजिट के रूप में जमा 30 करोड़ रूपये को राजसात किया गया है
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के ठीक एक साल पहले कांग्रेस ने बिलासपुर संभाग में इसे बड़ा मुद्दा बना दिया था। अंडरग्राउंड सीवेज के काम में विलंब होने और अंडरग्राउंड पाइप लाइन बिछाने जगह-जगह खोदे गए गड्ढों में गिरकर 15 लोगों की मौत भी हो गई थी। लोग घायल भी हो रहे थे। कांग्रेस ने इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाते बिलासपुर का नाम खोदापुर कर दिया था। सोशल मीडिया में यह बहस का मुद्दा भी बन गया था। कांग्रेस अपनी रणनीति में सफल रही। विधानसभा चुनाव के दौरान लोगों की नाराजगी ईवीएम में भी नजर आई। राज्य में कांग्रेस सरकार बन गई। कांग्रेस ने जिस सीवरेज सिस्टम को मुद्दा बनाया था उसमें ही बड़ा खेल कर दिया। ठेका कंपनी सिम्पलेक्स को भुगतान कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया।
साय सरकार एक बार फिर एक्शन मोड में आ गई है। सालों से घोटाला करने वाली सिंगापूर की बदनाम सिम्पलेक्स ठेका कंपनी को ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है। सीवेज के काम से उसे टर्मिनेट करने के साथ ही 30 करोड़ की बैंक गारंटी भी राजसात कर लिया है।
बता दें कि, शुरुआत में अंडरग्राउंड सीवेज परियोजना की लागत 300 करोड़ थी। 17 साल से अटकी परियोाजना को पूरा करने के लिए रिवाइज्ड इस्टीमेट के बहाने जमकर सरकारी खजाना लुटाया गया। वर्तमान में परियोजना की लागत बढ़कर 422 करोड़ रुपये हो गई है। हैरानी की बात कि रिवाइज्ड इस्टीमेट के बाद भी काम अधूरा पड़ा हुआ है।
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