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Chhattisgarh Cabinet's Masterstroke: Announcement of 'SCR Area', illegal plotting will be curbed; 12 big decisions like emphasis on skill development for youth and poor
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण और दूरगामी निर्णय लिए गए। इन फैसलों से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों जैसे पुलिस प्रशासन, वंचित समुदायों का सशक्तिकरण, शहरी नियोजन, शिक्षा और भूमि राजस्व प्रणाली में बड़े बदलाव आएंगे।
कैबिनेट ने राज्य पुलिस सेवा संवर्ग के अधिकारियों के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। साल 2005, 2006, 2007, 2008 और 2009 बैच के वे सभी अधिकारी जिन्होंने अपनी निर्धारित सेवा अवधि पूरी कर ली है, उन्हें अब वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान प्रदान किया जाएगा. इस निर्णय को लागू करने के लिए 30 नए सांख्येतर पद (supernumerary posts) भी बनाए जाएंगे. यह कदम पुलिस विभाग में उचित प्रबंधन और अधिकारियों के मनोबल को बढ़ाने में सहायक होगा।
सरकार ने जनजातीय समूहों, अन्य वंचित वर्गों के गरीब युवाओं, महिलाओं और तृतीय लिंग (ट्रांसजेंडर) के लोगों के संस्थागत विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। छत्तीसगढ़ शासन ने पैन आईआईटी एलुमनी रीच फॉर इंडिया फाउंडेशन (PanIIT) के साथ एक गैर-लाभकारी संयुक्त उद्यम कंपनी के गठन को मंजूरी दी है।
यह ज्वाइंट वेंचर कंपनी इन समुदायों को संस्थागत व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और ग्रामीण उद्यमिता के माध्यम से सशक्त और विकसित करेगा। इसका उद्देश्य आदिवासी उपयोजना और अनुसूचित जाति उपयोजना जैसे अप्रयुक्त फंड का सही इस्तेमाल करके आजीविका और सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाना है।
PanIIT कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देगा। इतना ही नहीं, प्रशिक्षित युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए उन्हें आवश्यक कौशल के साथ-साथ विदेशी भाषाएं भी सिखाई जाएंगी। इस प्रशिक्षण के लिए जिला प्रशासन और संबंधित विभागों द्वारा चिन्हित शासकीय भवनों को ज्वाइंट वेंचर कंपनी को हस्तांतरित किया जाएगा। PanIIT, आईआईटी के पूर्व छात्रों द्वारा स्थापित एक सोसायटी है जो सरकारों के साथ मिलकर वंचित समुदायों की आय सुधारने का काम करती है।
इसके आलावा साय कैबिनेट ने पुराने वाहनों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम-1991 में संशोधन विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया है।
इसके अलावा, छत्तीसगढ़ मोटरयान नियम-1994 के नियम 55 में भी संशोधन को मंजूरी दी गई है। इस बदलाव के तहत, वाहन मालिक अब अपने पुराने वाहन के फैंसी या च्वाइस नंबर को नए वाहन या किसी अन्य राज्य से लाए गए उसी श्रेणी के वाहन में इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके लिए आवश्यक शुल्क का भुगतान करना होगा।
यदि पुराना नंबर सामान्य श्रेणी का था, तब भी छत्तीसगढ़ मोटरयान नियम 1994 के नियम 55(2)(ग) के अनुसार शुल्क भरकर उसका उपयोग संभव होगा। यह सुविधा केवल नए वाहन के पंजीयन या अन्य राज्य से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेकर आए वाहनों पर ही लागू होगी, राज्य में पहले से पंजीकृत वाहनों पर नहीं, सरकारी वाहनों को भी यह सुविधा मिलेगी और उन्हें इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा।
निजी विश्वविद्यालयों को नई दिशा: छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है।
युवाओं के लिए स्टार्टअप और नवाचार नीति: राज्य के युवाओं को स्टार्टअप और नवाचार (इनोवेशन) के जरिए सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण 'छात्र स्टार्ट-अप और नवाचार नीति' लागू करने का निर्णय लिया गया है. इस नीति का उद्देश्य छात्र-केंद्रित नवाचार और इन्क्यूबेशन सिस्टम बनाना, साथ ही बौद्धिक संपदा जागरूकता बढ़ाना है. इसका लक्ष्य राज्य के 100 तकनीकी संस्थानों के 50 हजार छात्रों तक पहुंच बनाना, 500 प्रोटोटाइप्स का समर्थन करना, 500 बौद्धिक संपदा अधिकार फाइल करना और 150 स्टार्टअप्स को इन्क्यूबेट करना है।
कृषि उपज मंडी में संशोधन: छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप का भी अनुमोदन किया गया है।
छत्तीसगढ़ राजधानी क्षेत्र (SCR) का विकास: मंत्रिपरिषद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राजधानी क्षेत्र (State Capital Region) के विकास के लिए संबंधित प्राधिकरण की स्थापना हेतु विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है. रायपुर, दुर्ग-भिलाई और नया रायपुर अटल नगर में बढ़ती आबादी और शहरीकरण को देखते हुए, यह प्राधिकरण इस क्षेत्र के सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध विकास, निवेश को बढ़ावा देने, सरकारी-निजी संगठनों के बीच समन्वय और शहर के विस्तार को नियंत्रित करने का काम करेगा. 2031 तक इस क्षेत्र में लगभग 50 लाख लोगों के रहने की संभावना को देखते हुए, भूमि का प्रभावी उपयोग और पर्यावरण की रक्षा करते हुए शहरी विकास सुनिश्चित करना इसका मुख्य उद्देश्य होगा।
GST और कर बकाया निपटान में सरलता: छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है, जिससे अंतर्राज्यीय लेनदेन में इनपुट सेवा वितरक के नियम और अधिक प्रभावी होंगे. साथ ही, राज्य के छोटे और मध्यम व्यापारियों को प्रोत्साहित करने तथा न्यायालयों में लंबित कर संबंधी मामलों को शीघ्र निपटाने के लिए छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप को भी मंजूरी दी गई है।
भू-राजस्व संहिता में अहम संशोधन: मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है. इससे नक्शा बंटवारे और अभिलेखों के अद्यतनीकरण में सहूलियत होगी, अवैध प्लाटिंग पर रोक लगेगी, और जियो-रेफरेंस मैप से भविष्य में कानूनी विवाद कम होंगे. नामांतरण (म्यूटेशन) की प्रक्रिया आसान होगी, खासकर भूमि धारक की मृत्यु पर संयुक्त खाताधारकों और वारिसों को भवन या भूखंड का हस्तांतरण भूमि के अनुपात में हो सकेगा, जिससे औद्योगिक नीति, आवास योजना और नगरीय विकास की प्रक्रियाएं सरल होंगी।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन: छत्तीसगढ़ कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय अधिनियम, 2004 में संशोधन विधेयक के प्रारूप का भी अनुमोदन किया गया है।