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Chhattisgarh High Court's big decision: Now other books will be used in private schools apart from NCERT
रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्राइवेट स्कूलों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब उन्हें सिर्फ सरकारी किताबें (NCERT/SCERT) ही पढ़ाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें स्कूलों को सिर्फ NCERT की किताबें इस्तेमाल करने के लिए कहा गया था। कोर्ट के इस फैसले से हज़ारों स्कूलों को बड़ी राहत मिली है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी प्राइवेट स्कूलों को एक निर्देश दिया था कि वे पहली से दसवीं कक्षा तक सिर्फ NCERT और SCERT की ही किताबें पढ़ा सकते हैं। अगर कोई स्कूल ऐसा नहीं करता, तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। सरकार के इस फरमान से कई स्कूल परेशान हो गए और उन्होंने छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के ज़रिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार का यह आदेश मनमाना और गैरकानूनी है। कोर्ट ने साफ किया कि CBSE से जुड़े स्कूल CBSE के नियमों का पालन करने के लिए बाध्य हैं, न कि राज्य सरकार के। CBSE के नियमों के अनुसार, स्कूल NCERT की किताबों के साथ-साथ निजी प्रकाशकों की किताबें भी इस्तेमाल कर सकते हैं, बशर्ते वे CBSE के दिशानिर्देशों के हिसाब से हों।
अदालत ने कहा कि अब स्कूल खुले बाज़ार से किताबें और पढ़ाई का सामान ख़रीद सकते हैं, लेकिन उन्हें CBSE के सभी नियमों का पालन करना होगा। हालांकि, कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि अगर कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन करता है या बच्चों के लिए अनुपयोगी किताबें इस्तेमाल करता है, तो सरकार उस पर कार्रवाई कर सकती है। हाई कोर्ट के इस फैसले से प्रदेश के हज़ारों प्राइवेट स्कूल और उनके मैनेजमेंट खुश हैं। अब वे अपनी मर्ज़ी से अच्छी किताबें चुन सकेंगे, जिससे बच्चों की पढ़ाई का स्तर बेहतर होने की उम्मीद है।