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Chhattisgarh Liquor Scam: No relief for Chaitanya Baghel from the Supreme Court, hearing postponed till January
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 3200 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले से जुड़े मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। आज गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने चैतन्य बघेल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई जनवरी 2026 तक के लिए स्थगित कर दी। इस याचिका में उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई और संभावित गिरफ्तारी को चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट का रुख: “टुकड़ों में सुनवाई संभव नहीं”
सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि इतने बड़े और संवेदनशील आर्थिक अपराध से जुड़े मामले की सुनवाई खंडित या टुकड़ों में नहीं की जा सकती। कोर्ट ने कहा कि जब तक इस कथित घोटाले से जुड़े सभी पहलुओं और मामलों को एक साथ सुनने की स्थिति नहीं बनती, तब तक किसी एक याचिका पर विस्तार से बहस उचित नहीं होगी। इसी आधार पर अगली सुनवाई जनवरी में तय की गई।
याचिका में लगाए गए राजनीतिक दुर्भावना के आरोप
चैतन्य बघेल की ओर से दाखिल याचिका में दावा किया गया कि ईडी की कार्रवाई राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है। याचिका में कहा गया कि कथित शराब घोटाले में उनका नाम जबरन घसीटा जा रहा है और गिरफ्तारी की आशंका से उनके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है।
वहीं जांच एजेंसियों ने कोर्ट में दलील दी कि मामला करोड़ों रुपये के आर्थिक घोटाले से जुड़ा है, जिसकी जड़ें छत्तीसगढ़ की आबकारी नीति और शराब कारोबार से जुड़ी बताई जा रही हैं। एजेंसियों के अनुसार, जांच अब निर्णायक चरण में है और कई प्रभावशाली लोगों की भूमिका की पड़ताल चल रही है।
राजनीतिक हलचल तेज, जनवरी की सुनवाई पर निगाहें
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है, जबकि भाजपा का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और जांच से कोई भी ऊपर नहीं है।