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CG News: Chhattisgarh's documentary 'Bheem Chintaram' enhances India's prestige, screened at the US International Film Festival
रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूमि से निकली एक और प्रेरणादायक कहानी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन किया है। एस. अंशु धुरंधर द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री फिल्म “भीम चिंताराम” का चयन अमेरिका में आयोजित प्रतिष्ठित अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के लिए किया गया, जहां इसका 2 नवंबर को स्टेटन आइलैंड, न्यूयॉर्क स्थित सेंटर ऑफ द आर्ट प्रमोमिंग आर्ट थिएटर में प्रदर्शन किया गया।
इस वर्ष आयोजित महोत्सव में 154 देशों से 2,974 फिल्मों की प्रविष्टियां आईं, जिनमें से केवल चुनिंदा फिल्मों को प्रदर्शन के लिए चुना गया। भारत की मात्र आठ फिल्मों को इस मंच पर जगह मिली, और उनमें से एक छत्तीसगढ़ की यह विशेष डॉक्यूमेंट्री रही जो राज्य के समाजसेवी एवं जननायक दाऊ चिंताराम टिकरिहा के जीवन और विचारों पर आधारित है।
तीन वर्षों की मेहनत और 245 लोगों के साक्षात्कार
निर्देशक अंशु धुरंधर ने बताया कि “भीम चिंताराम” के निर्माण में लगभग तीन वर्ष का गहन अनुसंधान और 245 से अधिक लोगों के साक्षात्कार शामिल रहे। फिल्म में दाऊ चिंताराम टिकरिहा के सामाजिक जीवन, लोकहित में उनके योगदान और संस्कारों को समाज की नींव मानने वाले उनके विचारों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है। फिल्म का संदेश है “जिस तरह शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम जरूरी है, उसी तरह समाज को सशक्त रखने के लिए संस्कार जरूरी हैं।”
अंतरराष्ट्रीय मंच पर छत्तीसगढ़ की पहचान
छत्तीसगढ़ से अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंची इस फिल्म को वहां मौजूद दर्शकों और समीक्षकों से सराहना मिली। यह न केवल दाऊ चिंताराम के विचारों को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने का प्रयास है, बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, लोकचेतना और मानवीय मूल्यों को भी दुनिया के सामने लाने की पहल है।
फिल्म के साथ ही उनके जीवन पर आधारित एक पुस्तक भी प्रकाशित की गई है, जिसमें उनके विचारों, जीवन-संघर्ष और समाज सुधार के अभियानों का विस्तार से वर्णन है।
गौरव का क्षण
फिल्म “भीम चिंताराम” का चयन और प्रदर्शन न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय बना है। राज्य के फिल्म और सांस्कृतिक जगत से जुड़े लोगों ने इसे “छत्तीसगढ़ की संवेदनशील सिनेमा यात्रा का स्वर्ण अध्याय” बताया है। अंतरराष्ट्रीय फिल्म जगत में इस डॉक्यूमेंट्री की सफलता ने यह साबित किया है कि छत्तीसगढ़ की कहानियां अब सीमाओं से परे जाकर दुनिया भर के दर्शकों तक पहुंच रही हैं।